कर्नाटक: बैठक में शामिल नहीं हुए कांग्रेस के 10 MLA, इस्तीफे पर फैसला बाकी

कर्नाटक: बैठक में शामिल नहीं हुए कांग्रेस के 10 MLA, इस्तीफे पर फैसला बाकी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-09 03:01 GMT
हाईलाइट
  • कर्नाटक में गहराया राजनीतिक संकट
  • गोवा की बजाय मुंबई में ही गुप्त स्थान में रुके हैं बागी विधायक

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरू। कर्नाटक में लगातार राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। विधायकों के इस्तीफे के बाद से राज्य में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। इस बीच कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के. रमेश कुमार पर आज (9 जुलाई) हर किसी की नजरें टिकी हुई हैं। स्पीकर विधायकों के इस्तीफों पर आज फैसला लेंगे। वहीं सभी बागी विधायक बार-बार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। इस्तीफा देने वाले सभी 15 विधायक फिलहाल मुंबई में गुप्त स्थान पर रुके हुए हैं। मुंबई में डेरा जमाए हुए कांग्रेस विधायक पुणे में शिफ्ट होने वाले थे, जिसे बाद में बदलकर गोवा कर दिया गया, लेकिन अब वह वापस मुंबई में ही एक अज्ञात स्थान पर रुके हुए हैं।

दरअसल कांग्रेस और जेडीएस के 13 विधायकों ने इस्तीफा देकर कर्नाटक की गठबंधन सरकार की कुर्सी हिला दी। इसके बाद फिर दो निर्दलीय विधायकों एच नागेश और आर शंकर ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर और झटका दे दिया। ऐसे में इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 15 हो गई है। दोनों निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है। मंगलवार को इन सभी 15 विधायकों के इस्तीफे पर स्पीकर फैसला लेंगे।

वहीं सरकार को बचाने में जुटी कांग्रेस ने अपने विधायक दल की विधानसौदा में बैठक बुलाई। बेंगलुरू में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, प्रियांक खडगे सहित कई नेता विधान सौदा (विधानसभा) पहुंचे। बैठक के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बताया, जिन दस विधायकों ने इस्तीफा दिया है, वो शामिल नहीं हुए। हमने सभी विधायकों को सेशन अटेंड करने को कहा है, हर किसी को नोटिस दे दिया है। जिन विधायकों ने बैठक में हिस्सा लिया है, वो पार्टी के साथ हैं।

सिद्धारमैया ने कहा, बीजेपी की आदत है सरकार को अस्थिर करने की। यह अलोकतांत्रिक है, लोगों ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जनमत नहीं दिया है। लोगों ने हमें ज्यादा वोट दिया है। कांग्रेस और जेडीएस मिलकर 57 फीसदी वोट लेकर आएं हैं।

स्पीकर के.रमेश कुमार भी विधानसभा पहुंच चुके हैं। आज वह विधायकों के इस्तीफे पर फैसला ले सकते हैं। कर्नाटक विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने इस संकट पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, जिस भी विधायक को इस्तीफा देना होगा, उन्हें मेरे पास आना होगा। अगर पोस्टल सर्विस से ही इस्तीफे मंजूर होंगे, तो यहां पर मेरा क्या काम है। उन्होंने कहा, इसके लिए कोई समय की पाबंदी नहीं है। मैं नियमों के अनुसार ही फैसला लूंगा।

कर्नाटक में राजनीतिक हालात पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और के सुरेश ने लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। सियासी उठापटक के बीच बीजेपी कर्नाटक में अपनी सरकार बनाने की पूरी कोशिश में लगी हुई है। बीजेपी नेता मुरुगेश निरानी, उमेश कट्टी, जेसी मधुस्वामी और के रत्न प्रभा येदियुरप्पा के घर पहुंचे हैं।

बीजेपी नेता शोभा करंदलजे ने कहा, अब हमारे पास कांग्रेस-जेडीएस से ज्यादा विधायक हैं। हमारे पास 107 विधायक हैं और उनके पास 103। मुझे लगता है अब राज्यपाल को बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाने का निर्णय करना चाहिए।

कर्नाटक की सियासत को लेकर कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह रहे हैं उनकी पार्टी का इसमें कोई लेना देना नहीं है, यही बात येदियुरप्पा कह रहे हैं, लेकिन वो साथ में अपने पीए को मंत्री को लेने भी भेज रहे हैं।

कर्नाटक में प्रदेश कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष दिनेश गुंडू गठबंधन बरकरार रखने के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे भरोसा है हमारी गठबंधन सरकार बनी रहेगी।

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार को बचाने के लिए दोनों पार्टियों ने सोमवार को बड़ा सियासी दांव चला। गठबंधन सरकार में कांग्रेस के सभी 22 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। कुछ देर बाद जेडीएस के 10 मंत्रियों ने भी इस्तीफा दिया। अब नए सिरे से कैबिनेट का गठन होगा। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, सब ठीक है, सरकार ठीक से चलेगी। वहीं, बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा, बहुमत बीजेपी के साथ है।

बता दें कि, कांग्रेस के 78 में से 10 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जेडीएस के 37 में से 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। दोनों निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पहले कुमारस्वामी सरकार के पास 118 विधायकों का समर्थन था, अब ये घटकर 103 हो गया है।

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