कर्नाटक में जारी है रार, शक्ति परीक्षण के लिए सरकार और विपक्ष दोनों तैयार

कर्नाटक में जारी है रार, शक्ति परीक्षण के लिए सरकार और विपक्ष दोनों तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-13 13:10 GMT
कर्नाटक में जारी है रार, शक्ति परीक्षण के लिए सरकार और विपक्ष दोनों तैयार
हाईलाइट
  • 16 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा मामले पर फैसला
  • रिजॉर्ट में कैद हैं पक्ष और विपक्ष के विधायक
  • विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किए बागी विधायकों के इस्तीफे

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा का कहना है कि राज्य का विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार है। इससे पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा था कि वो सदन में विश्वासमत साबित करना चाहते हैं, सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने विश्वास हासिल करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से समय तय करने की गुजारिश की है।

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की इस घोषणा से विपक्ष भी चौंक गया था। सदन के पहले ही दिन इस घोषणा के बाद कुमारस्वामी को विपक्ष को आलोचना का शिकार होना पड़ा था। दरअसल, सीएम कुमारस्वामी ने जब यह मुद्दा उठाया, उस समय दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी।

शनिवार को बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हमें अविश्वास प्रस्ताव से कोई आपत्ति नहीं है। विपक्ष सोमवार तक इंतजार करेगा, हम विश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश जारी किए थे। शीर्ष न्यायालय 16 जुलाई को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाएगा।

मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के अविश्वास प्रस्ताव के ऐलान से बीजेपी खेमे में खलबली मच गई है। किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने विधायकों को रिजॉर्ट में भेज दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस और जेडीएस सभी विधायकों को प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने के लिए व्हिप जारी कर सकती है, इनमें वो विधायक भी शामिल होंगे, जिन्होंने इस्तीफे की पेशकश तो कर दी है, लेकिन अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।  

कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमान ने अब तक बागी विधायकों के इस्तीफों को स्वीकार नहीं किया है। यदि वह ऐसा करते हैं तो गठबंधन के 118 विधायकों की संख्या 100 से नीचे हो जाएगी, उस समय बहुमत का आंकड़ा 113 से कम होकर 105 ही रह जाएगा, बीजेपी के पास इस समय 105 विधायक हैं, दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी पार्टी को मिला हुआ है, जिससे उनकी संख्या 107 हो जाती है।

 

 

 

 

 

 

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