Bday Special : पहले दादी और फिर पिता को खोया, घर में ही करनी पड़ी राहुल को पढ़ाई

Bday Special : पहले दादी और फिर पिता को खोया, घर में ही करनी पड़ी राहुल को पढ़ाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-17 15:51 GMT
Bday Special : पहले दादी और फिर पिता को खोया, घर में ही करनी पड़ी राहुल को पढ़ाई
हाईलाइट
  • राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को दिल्ली में हुआ था।
  • राहुल गांधी
  • भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बेटे हैं।
  • राहुल से छोटी उनकी एक बहन भी है
  • जिनका नाम प्रियंका गांधी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का आज जन्मदिन है। वे आज 48 साल के हो रहे हैं। उनका जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। भारतीय राजनीति में करीब 65 सालों तक सत्ता में रही कांग्रेस पार्टी आज पूरी तरह से राहुल गांधी के ही कंधों पर नजर आ रही है। वर्तमान में राहुल अपनी पूरी पार्टी को एकजुट कर वापस सत्ता में लौटने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। आज हम उनके बचपन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आपको बताने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई थी, इसके बाद वो प्रसिद्ध दून स्कूल में पढ़ने चले गये थे। इसी दून स्कूल में उनके पिता राजीव गांधी ने भी पढ़ाई की थी। राहुल गांधी को सन् 1981-83 तक सुरक्षा कारणों से अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी थी। राहुल ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से सन 1994 में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सन 1995 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि भी ग्रहण की।

दादी और पिता को खोने का गम
राहुल गांधी ने 14 साल की उम्र में अपनी दादी इंदिरा गांधी को खो दिया था। 31 अक्टूबर 1984 को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद राहुल कुछ संभले ही थे कि 21 मई 1991 को एक चुनावी सभा में उनके पिता राजीव गांधी की भी हत्या हो गई थी। इस समय राहुल गांधी की उम्र महज 21 वर्ष थी। यहां से उनकी मां सोनिया गांधी ने ही उनकी परवरिश की और राजनीतिक गुर सिखाए।

प्राइवेट फर्म में जॉब भी की
राहुल गांधी ने राजनीति में कदम रखने से पहले मुंबई बेस्ड टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग कंपनी में बैकअप्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर के तौर पर भी कार्य किया। यहां उन्होंने दो साल तक काम किया था। मुंबई आने से पहले वो तीन सालों तक लंदन के मैनेजमेंट कंसल्टिंग फर्म मॉनिटर ग्रुप में काम किया था।

 

 

राहुल का राजनीतिक सफर
राहुल का राजनीतिक जीवन तो 2004 में शुरू हुआ, लेकिन उनके जीवन में राजनीति जन्म के साथ आ गई थी। देश के सबसे ताकतवर गांधी-नेहरू परिवार के वारिस का बचपन प्रधानमंत्री आवास में ही बीता था। 2003 से वे अपनी मां सोनिया गांधी के साथ राजनीतिक गलियारों में देखे जाने लगे थे। मगर असल मायनों में 2004 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने आधिकारिक तौर पर राजनीति में पैर रख दिया। पिता की सियासत से सींची गई अमेठी ने उन्हें बाहों में उठा लिया।

2004 में वे एक सभा को संबोधित करने के लिए पहली बार अमेठी पहुंचे थे। कहते हैं कि यहां उनका इतना भव्य स्वागत हुआ था कि सड़कों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। राजनीति में आने के बाद लंबे वक्त तक यह मांग उठती रही कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंप देनी चाहिए, मगर राहुल सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ते हुए ऊपर जाना चाहते थे। यही कारण था कि राहुल गांधी पहले कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने, फिर उपाध्यक्ष और अब वे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं।

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