एलएसी के पास सेना को पर्याप्त संख्या में विशेष कपड़े, हथियार उपलब्ध : राजनाथ

एलएसी के पास सेना को पर्याप्त संख्या में विशेष कपड़े, हथियार उपलब्ध : राजनाथ

IANS News
Update: 2020-09-17 11:01 GMT
एलएसी के पास सेना को पर्याप्त संख्या में विशेष कपड़े, हथियार उपलब्ध : राजनाथ
हाईलाइट
  • एलएसी के पास सेना को पर्याप्त संख्या में विशेष कपड़े
  • हथियार उपलब्ध : राजनाथ

नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा के सदस्यों को सूचित करते हुए कहा कि एलएसी के पास प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों से लड़ने के लिए सेना के पास विशेष गर्म कपड़े, विशेष टेंट, और पर्याप्त संख्या में हथियार व सैन्य साजो-सामान उपलब्ध हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, भारतीय सशस्त्र बलों का मनोबल बहुत ऊंचा है और जवान अपने रास्ते आने वाले किसी भी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, इस बार भी जवानों ने आक्रामकता पर धैर्य और साहस को चुना। हमारे जवान संयम, बहादुरी और वीरता के जीवंत प्रतीक हैं।

मंत्री ने सदन को मौजूदा सीमा तनाव के बारे में विस्तार से बताया।

अप्रैल से, भारत ने पूर्वी लद्दाख से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की तरफ जवानों की तैनाती और सैन्य साजो-सामानों को देखा।

मई में, चीनी सेना ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारे जवानों के सामान्य और पारंपरिक गश्ती पैटर्न में बाधा डालने की कोशिश की, जिससे दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गईं।

इसके बाद हमारे द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत, स्थिति को ग्राउंड कमांडरों ने सुलझाने की कोशिश की। लेकिन मई के मध्य में, चीनी सेना ने पश्चिमी सेक्टर के विभिन्न भागों में एलएसी के पास घुसपैठ करने की कोशिश की।

इसमें पैंगॉन्ग लेक का उत्तरी किनारा, गोगरा, कोंगका ला शामिल है। इन प्रयासों का पहले ही पता लगा लिया गया और हमारे सशस्त्र बलों ने उसी के अनुसार प्रतिक्रिया दी।

मंत्री ने कहा, हमने कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चीन को स्पष्ट कर दिया कि , इस तरह की कार्रवाई से वह एकतरफा यथास्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा है। यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि यह हमें अस्वीकार है।

एलएसी के पास बढ़ते तनाव के बीच, दोनों तरफ के वरिष्ठ कमांडरों ने 6 जून को बैठक की और सेना को आमने-सामने से हटाने की प्रक्रिया पर सहमति जताई। दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान करने पर भी सहमत हुए।

उन्होंने कहा, हालांकि चीनी सेना की तरफ से इस सहमति का उल्लंघन किया गया और गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें हमारे 20 जवान शहीद हो गए। हमारी सेना ने सर्वोच्च बलिदान दिया और चीनी सेना को भी क्षति पहुंचाई।

किसी को भी सीमा की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर संदेह नहीं होना चाहिए। भारत मानता है कि आपसी सम्मान और संवेदनशीलता पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंध का आधार है।

रक्षा मंत्री ने कहा, हम वार्ता के जरिए मौजूदा स्थिति को सुलझाना चाहते हैं, हमने चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य संबंध बनाए रखे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने एलएसी और गहराई वाले क्षेत्र के पास बड़ी संख्या में अपने जवानों को सैन्य साजो-सामान के साथ इकट्ठा किया है।

सिंह ने कहा, चीन की प्रतिक्रिया में, हमारे सशस्त्र बलों ने भी इन क्षेत्रों में तैनाती की है, ताकी हमारी सीमा पूरी तरह से सुरक्षित रहे।

आरएचए/एएनएम

Tags:    

Similar News