लालू की जमानत याचिका पर SC ने CBI को जारी किया नोटिस, 2 हफ्ते में मांगा जवाब

लालू की जमानत याचिका पर SC ने CBI को जारी किया नोटिस, 2 हफ्ते में मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-15 05:19 GMT
लालू की जमानत याचिका पर SC ने CBI को जारी किया नोटिस, 2 हफ्ते में मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव पार्टी की कमान कब संभालेंगे ? आज (शुक्रवार) को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद भी जस का तस बना हुआ है। दरअसल लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से अभी जमानत नहीं मिली है। आज सुनवाई के दौरान मुख्‍य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी। लालू प्रसाद यादव ने मेडिकल ग्राउंड पर अपनी जमानत मांगी है। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या लालू प्रसाद यादव लोकसभा चुनाव से पहले जेल से बाहर निकल पाएंगे ?

 

बता दें कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को लालू यादव की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस बीच पार्टी के मन में सबसे बड़ा सवाल ये ही बना है कि लालू यादव को जेल से बाहर आएंगे या नहीं ? लालू यादव ने कोर्ट में कहा है कि वे 71 साल के बुजुर्ग हैं, साथ ही एक राजनीतिक पार्टी राष्‍ट्रीय जनता दल के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भी हैं।

लालू ने कोर्ट में कहा है कि वे राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी करनी है। जिसको लेकर पार्टी नेताओं के साथ उन्हें कई बैठक करनी होगी और रणनीति तय करनी होगी। उम्मीदवार भी तय करने होंगे। उम्मीदवारों को सिंबल देने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का हस्ताक्षर होना जरूरी है, इसलिए उन्हें जमानत प्रदान की जाए।

ऐसे में लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी महती भूमिका का उल्‍लेख करते हुए एपेक्‍स कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है। गौरतलब है कि भ्रष्‍टाचार और गंभीर अपराधों की बिना पर सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले के तहत ही दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से रोक दिया अब लालू प्रसाद उच्‍चतम न्‍यायालय से चुनाव में टिकट बांटने की आजादी मांग रहे हैं। 

इससे पूर्व झारखंड हाई कोर्ट से लालू प्रसाद यादव को बड़ा झटका दिया था। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार को चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी। पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने लालू के मामले में विशेष नोटिस जारी कर फैसला सुनाने का समय निर्धारित किया। इसके बाद सीबीआई व लालू के अधिवक्ता के समक्ष अपना फैसला सुनाया।

 

 

 

 

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