ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, राजीव गांधी की नहीं : रविशंकर

ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, राजीव गांधी की नहीं : रविशंकर

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-22 12:58 GMT
ये नरेंद्र मोदी की सरकार है, राजीव गांधी की नहीं : रविशंकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी तरह के नए कानून की संभावना को नकार दिया है। सरकार ने कहा कि मौजूदा कानून जिसमें घरेलू हिंसा भी एक है, इस मसले से निपटने के लिए काफी है।

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, " सुप्रीम कोर्ट के फैसले का प्राथमिक तौर पर अध्ययन करने के बाद यह साफ होता है कि 5 जजों की बेंच ने बहुमत से ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी और अनैतिक करार दिया है।" जब उनसे पूछा गया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किस तरह से अमल सुनिश्चित होगा और इसे लागू करने के लिए कुछ नियम कानून की जरूरत क्यों नहीं है, इस पर सरकार के एक आला अधिकारी ने कहा कि अगर पति एक बार में तीन तलाक देता है तो भी विवाह विच्छेद नहीं होगा। इसे मान्य नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में पत्नी को अपने पति के खिलाफ पुलिस में उत्पीड़न या घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून में दोनों को लेकर स्पष्ट प्रावधान हैं।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि "मुझे नरेंद्र मोदी पर गर्व है, वे तीन तलाक की पीड़ितों के पीछे दृढ़ता से खड़े हैं। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि यह नरेंद्र मोदी सरकार है, राजीव गांधी सरकार नहीं।" उन्होंने कहा कि 1985 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार के दौर में शाह बानो मामले में सरकार ने मुस्लिम महिलाओं की गुहार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त करने वाला कानून लाने के लिए अपने बहुमत का इस्तेमाल किया था।

गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच में से चीफ जस्टिस खेहर और जस्टिस अब्दुल नज़ीर इस बात के पक्ष में थे कि ट्रिपल तलाक पर 6 महीने की रोक लगाकर सरकार को इस मसले पर कानून बनाने के लिए समय दिया जाए। वहीं जस्टिस कुरियन जोसेफ, आरएफ नरीमन और यूयू ललित ने कहा कि यह कुरान-ए-शरीफ के मुताबिक अस्वीकार्य होगा। अलबत्ता जस्टिस खेहर और जस्टिस नजीर ने सभी राजनैतिक दलों को अपने मतभेद को दरकिनार कर नए कानून बनाने की दिशा में केंद्र सरकार को मदद करने के लिए भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अगले 6 महीने में केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक को लेकर कोई नया कानून नहीं लाती है तो कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा।

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