अरुणाचल प्रदेश : भारी बारिश से नदियां उफनीं, सड़क-पुलों काे नुकसान

अरुणाचल प्रदेश : भारी बारिश से नदियां उफनीं, सड़क-पुलों काे नुकसान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-03 12:00 GMT
अरुणाचल प्रदेश : भारी बारिश से नदियां उफनीं, सड़क-पुलों काे नुकसान
हाईलाइट
  • अरुणाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश से राजधानी ईटानगर समेत कई कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
  • आपदा प्रबंधन के लिए संसदीय सचिव कलिंग मोयोंग ने बारापानी पुल और चंद्रनगर इलाके में नुकसान का जायजा लिया।
  • जिलों में सड़कों
  • पुलिया
  • मकानों और अन्य अवसंरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।

एजेंसी, ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश से राजधानी ईटानगर समेत कई कई इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। यहां नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने बाढ़ और भूस्खलन की आशंका के चलते संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। जिलों में सड़कों, पुलिया, मकानों और अन्य अवसंरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण बारापानी पुल पर मिट्टी का कटाव शुरू होने से स्थिति बदतर हो गई है। अगले आदेश तक पुल से भारी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी गई है और संबंधित विभाग को मिट्टी का कटाव रोकने के लिए एक दीवार का निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर ईटानगर और नहार्लगुन को जोड़ने वाले जुलांग रोड की भी स्थिति खराब है और वहां मिट्टी के धंसने से कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। झमाझम बारिश के कारण नहार्लगुन और ईटानगर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 415 के बड़े हिस्से में दरार पड़ गई। ईटानगर और नहार्लगुन को जोड़ने वाले राजमार्ग को बंद कर दिया गया है और सभी वाहनों को जोलांग रोड से होकर पापु-नल्लाह और ईटानगर की ओर मोड़ दिया गया है।

आपदा प्रबंधन के लिए संसदीय सचिव कलिंग मोयोंग ने बारापानी पुल और चंद्रनगर इलाके में नुकसान का जायजा लिया। मोयोंग ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी, ताकि जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जा सकें। इस बीच, पापुम पारे जिले के सगली में सैंटी कॉलोनी में रविवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। सगली के एडीसी जलश पर्टनि ने कहा कि सेप्पा-सगली-खील ट्रांस अरुणाचल राजमार्ग पर लगभग पूरे क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई है। सगली को जोड़ने वाले दो पुल बह गए हैं, जिससे करीब 100 लोग फंस गए हैं। सगली का अब भी बाकी क्षेत्र से संपर्क टूटा हुआ है और वहां फंसे लोगों को इंस्पेक्शन बंगले और पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के निजी आवास पर ठहराया गया है। सगली में फंसे चार मरीजों, तीन बच्चों, महिलाओं और छात्रों समेत 20 से ज्यादा लोगों को विमान से नहार्लगुन पहुंचाया गया।

पूर्व सियांग जिले से प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार रात को सियांग नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी। तिरप जिले में तीरथ हाइडल प्रोजेक्ट के समीप खोंसा और लोंगडिंग रोड के बीच भारी भूस्खलन हुआ। सेप्पा में कमेंग नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दीपू नल्ला में जलस्तर बढ़ने के कारण तेजू-रोइंग सड़क यातायात को असम से होकर दूसरी ओर मोड़ दिया गया है।

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