SP-BSP गठबंधन क्या फिर दोहराएगा सफलता, पढ़िए 2019 चुनाव में असर..

SP-BSP गठबंधन क्या फिर दोहराएगा सफलता, पढ़िए 2019 चुनाव में असर..

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-12 14:56 GMT
SP-BSP गठबंधन क्या फिर दोहराएगा सफलता, पढ़िए 2019 चुनाव में असर..
हाईलाइट
  • बीजेपी की सीटें 71 से घटकर पहुंच सकती है 37 पर
  • सपा और बसपा 2019 का आम चुनाव मिलकर लड़ेंगे।
  • सपा-बसपा गठबंधन से बीजेपी को यूपी में होगा बड़ा नुकसान

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सपा संस्थापक मुलायम सिंह और बसपा संस्थापक काशी राम ने ठीक 25 साल पहले अयोध्या के सहारे बढ़ रहे बीजेपी के रथ को रोकने के लिए हाथ मिलाया था। अब दोनों के उत्तराधिकारियों ने एक बार फिर हाथ मिलाया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2019 में होने वाले आम चुनाव के लिए हाथ मिलाया है। दोनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूपी में बीजेपी का सामना करने के लिए मिलकर लड़ने का ऐलान किया है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटों में से दोनों ही पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। 2 सीटें रायबरेली और अमेठी में गांधी परिवार के लिए छोड़ी गई हैं, अन्य 2 सीटें रिजर्व रखी गई हैं।

1993 में जब काशीराम और मुलायम सिंह के बीच गठबंधन हुआ था तब नारा चला था - मिले मुलायम काशीराम- हवा में उड़ गए जय श्री राम। अब एक बार फिर दोनों दल साथ आए हैं। बीजेपी जहां इस गठबंधन का लोकसभा चुनाव पर असर को पूरी तरह से खारिज कर रही है। वहीं सपा-बसपा के नेताओं का कहना है कि इस गठबंधन के बाद यूपी से बीजेपी का पत्ता पूरी तरह साफ हो जाना है। ऐसे में 2014 लोकसभा चुनाव में यूपी में विभिन्न दलों के वोट प्रतिशत की तुलना कर नफा-नुकसान पर चर्चा जारी है। पिछले आम चुनाव में अलग-अलग दलों के वोट प्रतिशत का जोड़-घटाव किया जाए तो इतना साफ देखा जा रहा है कि सपा-बसपा के गठबंधन से बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा, उसकी यूपी में सीटों की संख्या आधी हो सकती है। आइये डालते हैं आंकड़ों पर एक नजर...

साल 2014 में बीजेपी ने यूपी की 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने 2 सीटें जीतीं थी। यहां सपा को 5 सीटें और कांग्रेस को 2 सीटें हासिल हुई थी, जबकि बसपा, रालोद समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के हाथ खाली रह गए थे। 

साल 2014 में बीजेपी का वोट शेयर 42.63 प्रतिशत था। सपा का 22.35 प्रतिशत जबकि बसपा का 19.77 प्रतिशत था। ऐसे में अगर इस बार भी वोटिंग पैटर्न पिछले चुनाव की तरह ही रहता है तो सपा-बसपा का कुल वोट प्रतिशत 42.12 रहेगा जो बीजेपी के वोट प्रतिशत से कम ही रहेगा। लेकिन अलग-अलग सीटों पर इस वोट प्रतिशत की तुलना होगी तो 41 लोकसभा सीटों पर बसपा-सपा का वोट प्रतिशत बीजेपी के वोट परसेंट से ऊपर चले जाता है। ऐसे में बीजेपी के लिए सपा-बसपा का यह गठबंधन समस्या तो खड़ी करता दिखाई दे रहा है।

2019 में वोटिंग पैटर्न यही रहता है तो बीजेपी को सपा-बसपा के हाथों 41 सीटों पर हार संभव है। साथ ही कांग्रेस की 2 परमानेंट सीट और इसमें जोड़ लें तो यूपी की 80 में से कुल 43 सीट पर बीजेपी की हार हो सकती है। ऐसे में बीजेपी की सीटें 71 से घटकर 37 पर सिमट सकती है।

यूपी में सीधे-सीधे 34 सीटों का नुकसान लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को एक बार फिर से स्पष्ट बहुमत से बहुत दूर रख सकता है। गौरतलब है कि बीजेपी को 2014 में 543 लोकसभा सीटों में से 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बहुमत (272) से बीजेपी को 10 सीट ज्यादा हासिल हुई थी। अब जब यूपी में बीजेपी के हाथों से 34 सीटें जा सकती हैं, ऐसे में एक बार फिर से लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल करना अंसभव लग रहा है। हालाँकि कांग्रेस और राष्ट्रिय लोकदल का रुख सामने आना बाकि है।  शिवपाल यादव की पार्टी  यदि अलग चुनाव लडती है तो वह गठबंधन को नुक्सान पहुंचाएगी।

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