महाराष्ट्र के एनजीओ ने लॉकडाउन में मसीहा बने मददगारों को सम्मानित किया (आईएएनएस इम्पैक्ट)

महाराष्ट्र के एनजीओ ने लॉकडाउन में मसीहा बने मददगारों को सम्मानित किया (आईएएनएस इम्पैक्ट)

IANS News
Update: 2020-07-08 14:30 GMT
महाराष्ट्र के एनजीओ ने लॉकडाउन में मसीहा बने मददगारों को सम्मानित किया (आईएएनएस इम्पैक्ट)
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मुंबई, 8 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में लॉकडाउन अवधि के दौरान लाखों प्रवासियों की मदद के लिए मसीहा बनकर आए चार बड़े मददगारों को मुंबई के एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी।

सम्मान पाने वालों में मुंबई के बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, यवतमाल के प्रसिद्ध 81 वर्षीय बाबा करनैल सिंह खैरा, नागपुर के रहने वाले सेंट्रल रेलवे (सीआर) के एक अधिकारी खुशरू पोचा और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी-होम गार्ड) संजय पांडे शामिल हैं।

हार्मनी फाउंडेशन के अध्यक्ष अब्राहम मथाई ने आईएएनएस को बताया, कई अन्य लोगों की तरह, ये नायक भी लंबे समय तक लॉकडाउन के दौरान परेशान जनता और वंचित वर्ग के लोगों की मदद करने के अपने उत्कृष्ट प्रयासों के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। मानवता के प्रति उनकी महान सेवा के लिए यह हमारी तरफ से एक छोटा सा सम्मान है।

सूद पंजाब के डॉक्टरों को पीपीई किट और अन्य आवश्यकताओं को दान करने के अलावा, भारत के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने में मदद करने के लिए बसों और चार्टर उड़ानों की व्यवस्था करके सैकड़ों प्रवासियों की मदद करने के लिए सुर्खियों में छाए रहे।

यवतमाल में एक दूरदराज के राजमार्ग पर, बाबा करनैल सिंह खैरा और उनकी 17 सदस्यीय टीम ने अपने छोटे से डेरा कार सेवा गुरुद्वारा के गुरु का लंगर में 20 लाख से ज्यादा भूखे प्रवासियों को मुफ्त में भोजन कराया। अपने इस नेक काम की बदौलत वह चर्चा में आ गए।

इसके अलावा, खैरा बाबाजी (जैसा कि वह सभी के लिए श्रद्धेय हैं) ने लॉकडाउन में सैकड़ों भूखे जानवरों का भी पेट भरा और उनके इस नेक काम को पहली बार 31 मार्च को आईएएनएस ने सामने लाया था। उन्हें यवतमाल के पुलिस अधीक्षक राजकुमार के हाथों प्रमाण पत्र दिया गया।

नागपुर के रहने वाले सीआर अधीक्षक खुशरू पोचा ने लॉकडाउन के दौरान लाखों लोगों को मुफ्त में खिलाकर दिल जीत लिया। उन्होंने दुनिया भर के लोगों से दान की व्यवस्था कर इस नेक काम को किया।

जब पहली बार आईएएनएस (6 अप्रैल) ने उनकी उपलब्धि पर प्रकाश डाला, तो इससे प्रभावित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पोचा को बुलाया और उनके प्रयासों की सराहना की और प्रमाण पत्र नागपुर पुलिस आयुक्त बी.के. उपाध्याय द्वारा पोचा को प्रदान किया गया।

लो-प्रोफाइल डीजीपी संजय पांडे ने भोजन, दवाइयों और अन्य सुविधाओं के साथ 300 लोगों को शरण देने के लिए अंधेरी पश्चिम में बेघर और फंसे प्रवासियों के लिए आश्रय गृह का निर्माण करने के बाद प्रशंसा अर्जित की।

यह एक ट्रेंडसेटर साबित हुआ और बाद में कई ऐसे स्वैच्छिक आश्रय राज्य भर में बने, जिन्होंने विस्थापित प्रवासियों की मदद की, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की, ताकि वे घर पहुंच सकें।

इन प्रशस्ति पत्रों पर ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के पूर्व सदस्य और डिप्टी चेयरपर्सन बैरोनेस कैरोलीन कॉक्स और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी और मथाई ने हस्ताक्षर किए हैं।

मथाई ने कहा, लॉकडाउन के कारण, भीड़ पर प्रतिबंधों की वजह से इन गणमान्य व्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से या सार्वजनिक समारोहों में प्रमाण पत्र पेश करना एक चुनौती थी। महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों ने हमें नागपुर और यवतमाल में मदद की, और अन्य सभी को हम ऑनलाइन सम्मानित कर रहे हैं।

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