ममता ने जेटली को लिखी चिठ्ठी, कहा- FRDI से बर्बाद हो जाएंगे लोग

ममता ने जेटली को लिखी चिठ्ठी, कहा- FRDI से बर्बाद हो जाएंगे लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-17 05:40 GMT
ममता ने जेटली को लिखी चिठ्ठी, कहा- FRDI से बर्बाद हो जाएंगे लोग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एफआरडीआई को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि "इससे लोग फाइनेंशियल लेवल पर लोग बर्बाद हो जाएंगे।" सीएम ममता ने लिखा कि फाइनेंशियल रिजॉल्‍यूशन एंड डिपॉजिट बिल से लोगों को बैंकिग सिस्टम से विश्वास उठ जाएगा। उन्होंने लिखा यह बिल बैंकिंग सिस्टम पर बनी पुरानी आस्था और विश्वास के लिए खतरनाक है।

 

 

आम जनता होगी प्रभावित

 

ममता बनर्जी ने प्रस्तावित वित्तीय संकल्प और जमा बीमा (एफआरडीआइ) विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई है। बता दें कि ऐसी चर्चा है कि केंद्र सरकार इस शीतकालीन सत्र में इस बिल को लाएगी। सीएम ममता ने इसे अनैतिक बताते हुए जेटली को पत्र लिखा और संसद में पेश न करने के लिए कहा। उन्होंने पत्र में लिखा कि इस तरह के विधेयक से आम जनता प्रभावित होगी। इससे बैंकिग व्यवस्था चरमरा जाएगी, लोगों को बैंकों में अपनी राशि जमा रखने में संदेह पैदा होने लगेगा। 

 

 

सुर्खियों में FRDI विधेयक

ममता बनर्जी के अनुसार, सरकारी बैंकों व ग्रामीण बैंकों में भी इसे लागू करने से गरीब जनता की मेहनत की कमाई सुरक्षित नहीं रहेगी। उन्होंने एफआरडीआइ विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया है। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी ने भी बैठक में इस बिल का जोरदार तरीके से विरोध किया। ममता ने तृणमूल सांसदों को संसद में इसका कड़ा विरोध करने का निर्देश भी दिया है। इस साल के अगस्त में संसद में पेश किया गया एफआरडीआइ विधेयक 2017 सुर्खियों में है। 

 

 

सरकार देगी धन की सुरक्षा की गारंटी

बता दें कि इससे पहले भी सरकार ने फाइनेंशियल रिजॉल्‍यूशन एंड डिपॉजिट बिल (FRDI) से जुड़ी लोगों की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है। जेटली ने कहा है कि बैंकों के डिपॉजिटर्स के वर्तमान सभी अधिकार न सिर्फ सुरक्षित रहेंगे, बल्कि उन अधिकारों को और मजबूत किया जाएगा। जेटली के ट्विट के बाद इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी एस सी गर्ग ने भी कहा कि "एफआरडीआई बिल में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। जिससे बैंकों में जमा लोगों के पैसों पर किसी तरह की आंच आए। उन्‍होंने कहा कि पीएसयू बैंकों में जमा लोगों के धन की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है। 

 

 

 

हालांकि यह वित्तीय कंपनियों के व्यवस्थित समाधान के लिए एक बड़ा और अधिक व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है। विधेयक में बेल-इन क्लॉज पर विवाद पैदा किया जा रहा है। दिवाला और दिवालियापन संहिता के साथ आया यह विधेयक एक बीमार कंपनी के सुधार या पुनरुद्धार के लिए प्रक्रिया को तैयार करता है। इससे पहले खबर थी कि केंद्र सरकार ने बैंकिंग रिफॉर्म प्रक्रिया के क्रम में 2017 के जून में एक ऐसे बिल को स्‍वीकृति दी है। इससे पहले वित्तीय FRDI विधेयक को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रस्तावित कानून में जमा बीमा कवर को एक लाख रुपये से बढ़ाने का प्रावधान होगा।

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