अब 15 जनवरी 2021 के बाद बिना हॉलमार्क के बेचा गोल्ड तो होगी जेल

अब 15 जनवरी 2021 के बाद बिना हॉलमार्क के बेचा गोल्ड तो होगी जेल

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-29 15:23 GMT

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। गोल्‍ड की खरीदारी में कई बार लोग जानकारी के अभाव में ठगी का शिकार हो जाते हैं। सोने का कारोबार करने वाले व्यापारी बिना हॉलमार्क लगा सोना बेच देते हैं और मौटी रकम कमाते हैं। दरअसल लोगों को यह पहचान नहीं होती है कि गोल्ड असली है या नकली। हालांकि अब केंद्र सरकार ने एक ऐसी पहल करने जा रही है, जिससे गोल्ड की खरीदारी करना आसान और सु​रक्षित हो जाएगा। 

जानकारी मिली है कि सरकार ने सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दिया है। 15 जनवरी, 2021 से सिर्फ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण ही बेचे जा सकेंगे। हालांकि, सरकार ने अभी तक बन चुके आभूषणों को बेचने के लिए गोल्ड के कारोबारियों को एक साल का समय दिया है। इसके बाद यदि कोई विक्रेता बिना हॉलमार्क वाले आभूषण बेचते पकड़ा गया तो उस पर कम-से-कम एक लाख रुपए का जुर्माना लगने के साथ केस भी दर्ज किया जाएगा।

उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के इरादे से सोने के आभूषणों और कलाकृतियों पर हॉलमार्क अनिवार्य करने को लेकर उपभोक्ता मामलों का विभाग 15 जनवरी, 2020 को इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करेगा। इसके बाद आभूषण के मौजूदा स्टॉक को खत्म करने के लिए विक्रेताओं को एक साल का समय दिया जाएगा।

 

 

पासवान ने बताया कि वर्तमान में सोने पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था बेहद जटिल है। इसमें कैरेट के बदले उसका कोड नंबर डाला जाता है, जो आम आदमी के समझ से परे है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब बीआईएस ने तीन ग्रेड- 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के सोने के लिए हॉलमार्क के लिए मानक तय किए हैं। यानी 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट का सोना बिकेगा। आभूषण कितने कैरेट सोने का बना है, यह उस पर ही खुदा होगा। अभी तक आभूषणों पर कैरेट नहीं, बल्कि कोड नंबर लिखा होता है। वर्तमान में देशभर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं, लेकिन सिर्फ 40 फीसदी आभूषणों की हॉलमार्किंग की जाती है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), हॉलमार्क के लिए प्रशासनिक प्राधिकार है। बीआईएस द्वारा हॉलमार्क गोल्ड ज्वेलरी पर बीआईएस का निशान होता है। इस निशान से यह पता चलता है कि लाइसेंसधारक लैब में सोने की शुद्धता की जांच की गई है। 

 

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