मेरे पीएम बनने से अपसेट हो गए थे प्रणब मुखर्जी : मनमोहन सिंह

मेरे पीएम बनने से अपसेट हो गए थे प्रणब मुखर्जी : मनमोहन सिंह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-13 16:34 GMT
मेरे पीएम बनने से अपसेट हो गए थे प्रणब मुखर्जी : मनमोहन सिंह

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा है कि जब वह 2004 में प्रधानमंत्री बने तो उस समय प्रणब मुखर्जी बेहद अपसेट थे। उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने मुझे पीएम के रूप में चुना था, लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि प्रणब मुखर्जी इस पद के लिए मुझसे कहीं ज्यादा उपयुक्त राजनेता थे। मैं इस मसले में परिस्थिति के साथ चलने के अलावा क्या कर सकता था। मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था।" पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह बात दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की नई किताब "द कोएलिशन इयर्स 1996-2012" के लॉन्च के मौके पर बताई।

प्रणब एक सहज राजनीतिज्ञ थे: मनमोहन सिंह

बुक की लॉन्चिंग के मौके पर डॉ. मनमोहन सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि यद्यपि वह इस फैसले से बेहद असहज हो गए थे, लेकिन उन्होंने इस मलाल को व्यक्तिगत संबंधों के बीच कभी बाधा नहीं बनने दिया। उन्होंने कहा, "प्रणब सहज राजनीतिज्ञ थे और परिस्थितियों के साथ समायोजन करना जानते थे। यही वजह रही कि बाद में वे देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे। यहां तक कि उन्होंने कभी सामान्य बातचीत में भी इस बात का जिक्र नहीं किया।"

मनमोहन की बात सुन सोनिया मुस्कुराईं

जब मनमोहन सिंह अपने प्रधानमंत्री बनने की बात बता रहे थे, उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी वहां मौजूद थीं। वह मनमोहन सिंह की यह बात सुन कर मुस्कराने लगीं। गौरतलब है कि सन 2004 में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए डॉ. मनमोहन सिंह का नाम आगे किया था। उस समय तक मनमोहन सिंह राजनीतिक गलियारे में एक अनजान शख्सियत थे। जब प्रधानमंत्री के रूप में उनके नाम की घोषणा की गई तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ। अनेक लोगों को इस फैसले से बेहद धक्का लगा। उसमें प्रणब मुखर्जी भी एक थे।

कांग्रेस अपने आप में एक गठबंधन पार्टी: प्रणब

अपनी बुक लॉन्चिंग के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कांग्रेस के पुराने दिनों को याद किया और बताया कि कांग्रेस पार्टी अपने आप में ही एक गठबंधन पार्टी है। उन्होंने कहा कि, "गठबंधन के 10 साल कांग्रेस जिन पार्टियों के साथ चली, उनमें से कई ने बीच में ही साथ छोड़़ दिया। उसके बावजूद यूपीए ने अपना कार्यकाल पूरा किया।" उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ करते हुए भी कहा कि यूपीए ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सफलता के साथ अपने 10 साल पूरे किए।

 

कार्यक्रम में विपक्ष हुआ शामिल

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बुक लॉन्चिंग के दौरान विपक्ष की एकजुटता भी देखने को मिली। इस कार्यक्रम में बीजेपी की तरफ से तो कोई शामिल नहीं हुआ लेकिन विपक्ष ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता डी. राजा और डीएमके नेता कनिमोझी शामिल हुए। वहीं इस कार्यक्रम में बीएसपी नेता सतीशचंद्र मिश्रा को भी आना था, लेकिन वो नहीं आ सके। 

राष्ट्रपति पद से छोड़ने के बाद पहला इंटरव्यू

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्टप्रति पद छोड़ने के बाद एक मैग्जीन को अपना पहला इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू में प्रणब दा ने बीजेपी सरकार और पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। पूर्व राष्ट्रपति GST और नोटबंदी के पक्ष में भी दिखाई दिए। इस इंटरव्यू में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि तमाम राजनीतिक मतभेद होने के बावजूद पीएम मोदी ने उन्हें काफी सम्मान दिया। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि गठबंधन सरकार से कहीं बेहतर पूर्ण बहुमत की सरकार होती है क्योंकि गठबंधन सरकार में कई समझौते करने पड़ते हैं। खुद को पीएम न बनाए जाने पर प्रणब ने कहा कि उन्हें हिंदी नहीं आती थी, इसलिए वो पीएम नहीं बने। उन्होंने कहा कि यदि वो हिंदी जानते, तो शायद पीएम होते, लेकिन मैं हिंदी नहीं जानता था, ऐसे में बिना हिंदी जाने प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहिए। इसके साथ ही जब उनसे GST और नोटबंदी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि GST और नोटबंदी के दौरान वो सरकार का हिस्सा थे, तो उनकी आलोचना कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि, GST लागू होने से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन शुरुआत में तो थोड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा ही। 

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