अंडमान पहुंचा मानसून, 3 दिन में पहुंचेगा केरल, तीसरे सप्ताह मप्र में देगा दस्तक

अंडमान पहुंचा मानसून, 3 दिन में पहुंचेगा केरल, तीसरे सप्ताह मप्र में देगा दस्तक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-27 08:02 GMT
अंडमान पहुंचा मानसून, 3 दिन में पहुंचेगा केरल, तीसरे सप्ताह मप्र में देगा दस्तक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून इस बार अपने निर्धारित समय से पहले आ सकता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मानसून शुक्रवार को दक्षिण अंडमान सागर में पहुंच गया है। अगले तीन दिनों में इसके केरल पहुंचने की संभावना है। अगर पवन देव की कृपा बनी रही तो तीसरे सप्ताह के शुरूआती दिनों में यह मध्यप्रदेश पुहंच जाएगा। इस बार मानसून सामान्य तिथि से कम से कम 3 दिन पहले आने की संभावना है। 

अनिश्चित रह सकता है मानसून 
एजेंसियों का कहना है कि इस बार भी मानसून की गति अनिश्चितता भरी रह सकती है। जुलाई से अगस्त के बीच कहीं सूखा तो कहीं अतिवृष्टि हो सकती है। आईएमडी के प्रमुख मौसम विज्ञानी जैसन निकोलस ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दक्षिण पश्चिम मानसून जुलाई और अगस्त में अस्थिर रह सकता है। भारत में होने वाली कुल वर्षा में मानसूनी वर्षा का योगदान लगभग 73 फीसदी रहता है। मानसून सामान्य रूप से 1 जून के आसपास केरल पहुंचता है। इस बार उम्मीद है कि यह 3 दिन पहले ही केरल में दस्तक दे देगा। उल्लेखनीय है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मानसून हमेशा से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। 

कहीं सूखा, तो कहीं हो सकती है भारी वर्षा 
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार इस साल उत्तर पश्चिम और दक्षिण पूर्वी हिस्से में सूखा पड़ सकता है। स्काईमेट के अनुसार जुलाई और अगस्त के महीने में इस साल कम वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार इस साल जुलाई से भी कम वर्षा अगस्त में हो सकती है। स्काईमेट के सीईओ जतिन सिंह ने कहा कि शुरूआत में ही मुंबई में भारी वर्षा हो सकती है। 6-7 जून को यहां भारी वर्षा होने का अनुमान है। 

मानसून पर निर्भर है भारतीय कृषि  
-भारत की कुल वर्षा में मानसूनी वर्षा का 73 फीसदी योगदान है
-देश में 44 फीसदी खाद्यान्न उत्पादन मानसूनी वर्षा पर निर्भर है 
-90 फीसदी चालव का उत्पादन मानसूनी वर्षा के महीनों में होता है
-70 फीसदी आयल सीड का उत्पादन मानसून के महीनों में होता है 


 




 

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