सूचना प्रसारण मंत्री जावड़ेकर बोले- मीडिया संस्थान लोगों को समझाएं, सुरक्षित हैं अखबार

सूचना प्रसारण मंत्री जावड़ेकर बोले- मीडिया संस्थान लोगों को समझाएं, सुरक्षित हैं अखबार

IANS News
Update: 2020-05-26 06:30 GMT
सूचना प्रसारण मंत्री जावड़ेकर बोले- मीडिया संस्थान लोगों को समझाएं, सुरक्षित हैं अखबार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कोरोनावायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच कहा है कि मीडिया संस्थानों को चाहिए कि वह नागरिकों को इस बात को समझाने का प्रयत्न करें कि अखबार पूरी तरह से सुरक्षित हैं। केंद्रीय मंत्री ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा, कोविड-19 संक्रमण के चलते लोगों में भय पैदा हुआ है और इस कारण उन्होंने समाचार-पत्र लेना बंद कर दिया है, ऐसे में समाचार पत्रों को जागरूकता अभियान चलाकर उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है।

उन्होंने आईएएनएस को दिए साक्षात्कर में कहा कि केंद्र सरकार दिहाड़ी मजदूरों की मुश्किलों को कम करने के लिए हर संभव प्रयत्न कर रही है। अकेले रेलवे के जरिए 37 लाख और अन्य माध्यमों से कुल मिलाकर 50 लाख मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजा जा चुका है। विशेष बातचीत में जावड़ेकर ने कहा कि सरकार पूरे देश में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम चाहती थी, इसलिए लोगों को पहले उनके घर नही भेजा गया। हालांकि उन्होंने कहा, उनके (जाने के) लिए पूरी व्यवस्था कर ली जाएगी। लोगों को हम जबरन नहीं रोक सकते हैं, अब उनकी इच्छा हो रही है, तो वे घर जा रहे हैं और सरकार व्यवस्था कर रही है। उनसे की गई विशेष बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार हैं...

प्रश्न: आपके गृह राज्य (महाराष्ट्र) में कोविद -19 संक्रमण के मामले अधिक क्यों हैं, विशेष रूप से मुंबई में, दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है?

उत्तर: वहां समय पर उचित कारवाई नही हुई। महामारी की रोकथाम के लिए देर से कदम उठाए गए। इसी वजह से वहां मामले बढ़े, लेकिन अब स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है।

प्रश्न: सूचना एवं प्रसारण मंत्री होने के नाते आप लोगों तक कैसे पहुंच रहे हैं और कैसे महामारी के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं? मंत्रालय जनता के सवालों का जवाब कैसे देता है?

उत्तर: कोरोनावायरस महामारी के इस दौर में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय 24 घंटे सातों दिन काम कर रहा है। हम लोगों के लिए हर समय मौजूद हैं। लोगों में जागरूकता फैलाने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार के (दूसरे कार्यकाल के) एक वर्ष पूरे हो गए हैं। इस दौरान हमने कई उपलब्धियां हासिल की हैं और कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ लड़ाई उन प्रमुख उपलब्धियों में से एक है।

प्रश्न: आपने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया है। क्या आप मानते हैं कि महामारी के बाद केंद्र शासित प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां शुरू हो जाएगी?

उत्तर: वहां पहले से ही राजनीतिक गतिविधि चल रही है। एक दो नेताओं को छोड़कर कोई भी हिरासत में नहीं है। इंटरनेट चालू है। हाल ही में स्थानीय चुनाव सफलता पूर्वक कराए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा, जहां तक जम्मू एवं कश्मीर में चुनाव का मसला है वह एक अलग मुद्दा है और उस पर निर्णय (चुनाव) आयोग को करना है।

प्रश्न: सरकार का कहना है कि आर्थिक पैकेज अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत करेगा, लेकिन विपक्ष कह रहा है कि सरकार रेटिंग से डरती है और इसीलिए वह लोगों को सीधे पैसा नहीं दे रही है, इस पर क्या कहेंगे ?

उत्तर: वह (तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने) कैसे 2008 और 2009 के संकट से निपटे .. हमने इससे सबक लिया है और हमने कई उपायों पर खुद को सही किया है। अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज बहुत व्यापक और टिकाऊ है।

प्रश्न: क्या आपको लगता है कि मीडिया उद्योग के लिए भी एक प्रोत्साहन की आवश्यकता है? कई संस्करण बंद हो रहे हैं। क्या हम मीडिया के लिए भी पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं?

उत्तर: मेरी संवेदनाएं सबके साथ है, लोग अखबार नहीं खरीद रहे हैं। डिस्ट्रीब्यूटर अखबार नहीं बांट रहा है, ये सरकार की गलती नहीं है। मुझे हैरानी है कि अभी तक किसी भी अखबार ने कोरोना को लेकर कोई कंपैन नही चलाया कि समाचार पत्र से कोरोना संक्रमण नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा, आज टीवी और रेडियो पर विज्ञापन बढ़ गया है। अब मीडिया को डिजिटल के साथ जीना सीखना होगा। अखबार के क्षेत्र में विज्ञापनों की कमी है, जबकि रेडियो और टीवी विज्ञापनों से भरे हुए हैं।

 

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