Me Too का शिकार बने केन्द्रीय मंत्री, महिला पत्रकारों ने लगाया यौन शोषण का आरोप

Me Too का शिकार बने केन्द्रीय मंत्री, महिला पत्रकारों ने लगाया यौन शोषण का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-09 05:19 GMT
Me Too का शिकार बने केन्द्रीय मंत्री, महिला पत्रकारों ने लगाया यौन शोषण का आरोप
हाईलाइट
  • कमरे में बुलाकर इंटरव्यू के बहाने करते थे यौन शोषण
  • दो महिला पत्रकारों ने लगाया यौन शोषण का आरोप
  • मी टू का शिकार बने केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यौन शोषण के खिलाफ शुरू किए गए मी टू अभियान ने अब जोर पकड़ लिया है। इसका नया शिकार मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर हैं। एमजे अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इससे पहले 2017 में एक महिला पत्रकार ने आपबीती बताई थी, जिसके मुताबिक उसके बॉस ने उसे होटल के कमरे में उसे जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था। अकबर कई अखबार और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं। महिला पत्रकार ने आरोप लगाया है कि एमजे अकबर ने मुझे कमरे मेंं बुलाकर बिस्तर पर आने के लिए कहा था, वो अश्लील बातें, हरकतें करने में महिर हैं। 

 

 

वहीं दूसरी महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने ट्वीट किया है कि एमजे अकबर ने होटल रूम में इंटरव्यू के दौरान कई महिला पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक हरकतें की हैं। वहीं अारोप लगाने वाली एक अन्य महिला ने कहा है कि तब वह सीनियर जर्नलिस्ट थी। अकबर होटल रूम्स में इंटरव्यू करते और महिलाओं को बिस्तर और शराब की पेशकश करते थे।

2017 में लगाया था आरोप अब हुआ खुलासा 
प्रिया ने पिछले साल अक्टूबर में “टू द हार्वे वेनस्टींस ऑफ द वर्ल्ड’ शीर्षक से प्रकाशित एक लेख में आरोप लगाया है कि “अकबर अश्लील फोन कॉल, टेक्स्ट मैसेज, अनुचित प्रशंसा और जवाब में न नहीं सुनने के एक्सपर्ट हैं। महिला ने लिखा है कि कई युवा महिलाएं उनकी गलत हरकतों की भुक्तभोगी हैं। लेख के प्रकाशन के समय आरोपी का नाम नहीं दिया गया था। अब बताया गया कि वे एमजे अकबर हैं। शुमा राहा नाम की एक अन्य महिला ने ट्वीट में कहा, उसके साथ 1995 में ताज बंगाल होटल, कोलकाता में एमजे अकबर ने गलत हरकतें की। उनकी गलत हरकत के विरोध में उसने नौकरी करने से इनकार कर दिया। इस ट्वीट के बाद कई अन्य महिला पत्रकारों ने भी आरोप का समर्थन किया। 

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