कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे को 19 मार्च तक पुलिस हिरासत

कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे को 19 मार्च तक पुलिस हिरासत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-15 18:52 GMT
कोरेगांव भीमा हिंसा मामले में मिलिंद एकबोटे को 19 मार्च तक पुलिस हिरासत

डिजिटल डेस्क, पुणे। जिले के कोरेगांव भीमा में हुई हिंसा प्रकरण में गिरफ्तार किए गए समस्त हिंदू आघाड़ी के प्रमुख मिलिंद एकबोटे को न्यायालय ने 19 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। पुलिस ने बुधवार को एकबोटे को उनके शिवाजीनगर स्थित घर से गिरफ्तार किया था। गुरुवार दोपहर उन्हें प्रथम वर्ग न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया।

एकबोटे के मोबाइल कॉल रिकार्ड, वितरित किए हुए पैम्प्लेट आदि की जांच करनी है। इसलिए उन्हें 14 दिनों की हिरासत देने की मांग पुलिस ने न्यायालय में की गई। इसपर एकबोटे के वकील ने विरोध दर्शाया। उन्होंने कहा कि एकबोटे का घटना में प्रत्यक्ष रूप से सहभाग नहीं है। कॉल रिकार्ड मोबाइल कंपनियों से मांगे जा सकते हैं। उसके लिए इतने दिन की पुलिस हिरासत की आवश्यकता नहीं है। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद न्यायालय ने एकबोटे को 19 मार्च तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया। 

क्या है मामला?
गौरतलब है कि 1 जनवरी को कोरेगांव भीमा स्थित विजयस्तंभ को अभिवादन करने के लिए राज्य से हजारों की तादाद में लोग जुटे थे। इस मौके पर समाज के दो गुटों में घमासान हुआ। पथराव, आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। इसमें राहुल फटांगले नामक युवक की मौत हो गई। समस्त हिंदू आघाड़ी के संस्थापक कार्याध्यक्ष मिलिंद एकबोटे तथा शिव प्रतिष्ठान के संभाजी भिड़े गुरूजी पर शिक्रापुर पुलिस थाने में एट्रोसिटी, दंगे भड़काने के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में अंतरिम जमानत मिलने के लिए एकबोटे ने पहले पुणे सत्र न्यायालय में अर्जी दी थी, जो खारिज की गई। एकबोटे ने इसके विरोध में उच्च न्यायालय में अर्जी दी। लेकिन वहां भी उनकी अर्जी खारिज की। उसके बाद एकबोटे ने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार की। उनकी अर्जी पर बुधवार को अंतिम सुनवाई हुई। एकबोटे प्रकरण की जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं, राज्य सरकार की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने एकबोटे की अर्जी खारिज की। उसके बाद तत्काल पुलिस ने एकबोटे को उनके घर से गिरफ्तार किया।

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