माओवाद का दंश झेल रहीं नाबालिग लड़कियां, होती हैं यौन शोषण का शिकार

माओवाद का दंश झेल रहीं नाबालिग लड़कियां, होती हैं यौन शोषण का शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-19 05:41 GMT
माओवाद का दंश झेल रहीं नाबालिग लड़कियां, होती हैं यौन शोषण का शिकार

डिजिटल डेस्क, धनबाद। देश में माओवाद किस तरह नासूर बन गया है, इसकी बानगी कुछ-कुछ दिनों में तो देखने को मिल ही जाती है। माओवाद का दंश अब अब बच्चियों के लिए भी खतरा बन गया है। पुलिस द्वारा पकड़े गए एक माओवादी ने इसका खुलासा किया है कि किस तरह से भाकपा माओवादी संगठन के राकेश भुइयां व अन्य नक्सली गरीब नाबालिग लड़कियों को अगवा कर संगठन में शामिल करते थे। इसके बाद उनको बंधक बनाकर उनका यौन शोषण भी करते थे। बिहार एसटीएफ व झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में धनबाद (झारखंड) से गिरफ्तार पांच लाख रुपये के इनामी माओवादी सबजोनल कमांडर विमल उर्फ गणेश यादव ने पुलिस पूछताछ में इस बात का पर्दाफाश किया है। 

 

पूछताछ में विमल ने किए कई खुलासे

बता दें कि यह जानकारी पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने रविवार को दी। एसपी ने बताया कि पूछताछ में विमल से कई अहम जानकारी मिली है। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया माओवादी कमांडर पिछले दिनों सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए राकेश भुइयां के दस्ते का अहम सहयोगी था। उसकी गिरफ्तारी के साथ राकेश भुइयां के दस्ते के सभी 18 नक्सली या तो गिरफ्तार कर लिए गए हैं या तो उन्हें मार गिराया गया है। इनमें से एक नक्सली सतेंद्र भुइयां सरकार के कार्यक्रम "नई दिशा" से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर चुका है। 1996 में विमल नक्सलियों के संपर्क में आया था। इसके बाद वह पूरी तरह संगठन में शामिल हो गया था। विगत एक वर्ष में विमल यादव सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ सहित कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा था।

 


 

नक्सलियों का दोहरा चरित्र उजागर

एसपी इंद्रजीत माहथा ने बताया कि इससे संगठन में शामिल नक्सलियों का दोहरा चरित्र उजागर होता है। एक ओर ये अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देते हैं, वहीं गरीब के बच्चों का शोषण कर उन्हें जबरन हथियार थमा दिया जाता है। भाकपा माओवादी संगठन के स्वयंभू जोनल कमांडर विमल यादव ने अपनी पुत्री की शादी खैरी गांव में एक फौजी के साथ तय कर रखी थी। वहीं इसका बेटा बिहार पुलिस में शामिल होने के लिए आरंभिक परीक्षा पास कर चुका था, लेकिन लांग जंप में सफल नहीं होने के कारण वह बहाल नहीं हो सका। 


18 जिलों में सक्रिय है नक्सलवाद

पुलिस अधीक्षक के अनुसार बच्चियों के यौन शोषण से माओवादियों की असलियत का पता चलता है। बता दें कि तीन दिन पूर्व झारखंड के पलामू जिले के एक गांव में गुरुवार को चार नक्सलियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। नक्सलियों के पास से 45 जिंदा कारतूस और राइफलें भी मिलीं थी। पुलिस ने यह जानकारी दी। एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सीआरपीएफ के साथ किए संयुक्त अभियान में खड़गपुर गांव से नक्सलियों को गिरफ्तार किया।

 

इनामी राशि वाले नक्सली दीपक गंझू को योगेन्द्र भुइया और दो नाबालिगों के साथ गिरफ्तार किया गया, जिसमें एक लड़की भी शामिल है। पुलिस ने दो इंसास राइफल, दो नियमित राइफल, 45 जिंदा कारतूस, 50,140 रुपए नकद और नक्सलवादी साहित्य जब्त किए। नक्सलवादी राज्य के 24 जिलों में से 18 में सक्रिय हैं।

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