आतंक के खात्मे के लिए मिल कर काम करेंगे भारत-अफगानिस्तान

आतंक के खात्मे के लिए मिल कर काम करेंगे भारत-अफगानिस्तान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-24 15:42 GMT
आतंक के खात्मे के लिए मिल कर काम करेंगे भारत-अफगानिस्तान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी और अफगान प्रेसीडेंट अशरफ गनी ने मंगलवार को अनेक द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हुए आतंक के खात्मे पर अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर एक दूसरे का सहयोग जारी रखने का भरोसा जताया। पड़ोसी देशों से संबंध बेहतर करने की मुहिम के तहत नरेंद्र मोदी और अशरफ गनी ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता कायम करने के साझा लक्ष्यों और संभावित उपायों पर विस्तार से बातचीत की। एक दिवसीय दौरे में अफगान प्रेसीडेंट ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (थिंक टैंक) में एक सभा को संबोधित करने के अलावा कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। व्यस्त कार्यक्रम के बीच अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी मंगलवार को ही काबुल लौट गए।

मोदी ने गनी को दिया सहयोग का भरोसा
पीएम नरेंद्र मोदी ने अफगान प्रेसिडेंट अशरफ गनी का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया। फारेन मिनिस्ट्री के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, " पीएम मोदी और अफगान प्रेसीडेंट गनी ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के समूल नाश के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।"" एक दिन की भारत यात्रा पर आए अफगान प्रेसीडेंट गनी ने अपने भारतीय समकक्ष रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज भी अफगान प्रेसीडेंट से मिलीं। फारेन मिनिस्ट्री ने कहा दोनों देशों के बीच नए विकास आधारित सहयोग के अलावा बहुमुखी द्विपक्षीय स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप को विस्तार देने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग को गति देने, शांति, सुरक्षा, स्थिरता, समृद्धि और आतंकवाद से मुकाबले के लिए विचार-विमर्श जारी रखेंगे। 

बाइलेटरल रिलेशन में आएगी मजबूती
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने अपनी काबुल यात्रा के दौरान अफगान प्रेसीडेंट अशरफ गनी को भारत आने का न्योता दिया था। फारेन मिनिस्ट्री ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच हाल में हुए उच्च स्तरीय द्विपक्षीय आदान-प्रदान को इस यात्रा से मजबूती मिलेगी। हाल में अफगानिस्तान के CEO अब्दुल्ला अब्दुल्ला और फारेन मिनिस्टर सलाहुद्दीन रब्बानी द्विपक्षीय सामरिक भागीदारी परिषद की बैठक के लिए भारत आए थे। इस बैठक की सह-अध्यक्षता फारेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज ने की थी। संक्षिप्त दौरे में अफगान प्रेसीडेंट ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन (थिंक टैंक) में एक सभा को संबोधित करने के अलावा कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। व्यस्त कार्यक्रम के बीच अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी मंगलवार को ही काबुल लौट गए।


पाक प्रायोजित आतंकवाद पर चर्चा
दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच पिछली बार की मुलाकातों में आतंक के खिलाफ सहयोग एक अहम मुद्दा रहा है। इस बार भी मोदी व गनी ने पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों को मिल रहे बढ़ावा पर लगाम लगाने की रणनीति पर खास तौर पर चर्चा की। अफगानिस्तान की तरफ से सैन्य साजों समान के साथ आतंकियों से लड़ने के लिए हेलीकॉप्टर की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान के और ज्यादा पुलिसकर्मियों व सैन्यकर्मियों को भारत में प्रशिक्षण दिए जाने पर भी बातचीत हुई। मोदी और गनी ने पाकिस्तान का सीधे तौर पर नाम तो नहीं लिया लेकिन जब उन्होंने यह कहा कि "अफगान में स्थाई शांति के लिए दूसरे देशों में आतंकियों के सुरक्षित पनाहों को बंद किया जाना चाहिए" तो वे किस देश का नाम ले रहे हैं, यह बात किसी से छिपी नहीं रही। 

जमीनी मार्ग से बंद है कारोबार
इस दौरान दोनो देशों के बीच कनेक्टिविटी से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। दोनों नेताओं की बातचीत में अटारी बार्डर से कारोबार करने से लेकर चाबहार पोर्ट तक का मुद्दा शामिल रहा। पाकिस्तान का सहयोग नहीं मिलने से इन दिनों भारत व अफगानिस्तान के बीच जमीनी रास्ते से कारोबार बंद है। अफगान राष्ट्रपति गनी ने बाद में एक कार्यक्रम में अपनी यह तकलीफ इस तरह प्रकट की। उन्होंने कहा भारत व अफगानिस्तान के बीच हवाई मार्ग से कारोबार हो रहा है। अब कोई दूसरा देश हमारे रास्ते को बंद नहीं कर सकता। हाल ही में नई दिल्ली व काबुल के बीच एयर कार्गो सेवा शुरू की गई है। ईरान में भारत की मदद से चाबहार पोर्ट का निर्माण हो रहा है। जल्द ही इससे सामान अफगानिस्तान पहुंचने लगेगा। गनी ने बताया कि अगले कुछ सप्ताह में ही पहली बार भारतीय गेहूं चाबहार पोर्ट से अफगानिस्तान पहुंचेगा।


 

Similar News