ट्रिपल तलाक पर जेल का कानून जल्द हो सकता है पास

ट्रिपल तलाक पर जेल का कानून जल्द हो सकता है पास

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-14 08:28 GMT
ट्रिपल तलाक पर जेल का कानून जल्द हो सकता है पास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला जल्द आ सकता है। दरअसल मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग होने वाली है। मीटिंग में अगर तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाने वाले बिल मंजूरी मिल जाती है तो फिर इस संसद के शीतकालील सत्र में पटल पर रखा जाएगा। संसद का शीतकालीन सत्र इस बार  5 जनवरी तक चलेगा।  यह प्रस्‍तावित कानून जम्‍मू-कश्‍मीर पर लागू नहीं होगा।

मोदी सरकार "द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट" नाम से इस बिल को लेकर आ रही है। कानून बनने के बाद यह सिर्फ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर लागू होगा। बिल में कहा गया है कि अगर कोई पति तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहकर डिवोर्स लेता है तो फिर इसे गैर जमानती अपराध माना जाएगा और आरोपी को तीन साल की जेल की सजा होगी। इसमे जुर्माने का प्रावधान भी है। ये कानून पीड़ित महिला को अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने की शक्ति देगा। मोजिस्ट्रेट इस बात को तय करेंगे की आरोपी पर कितान जुर्माना लगाना है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले दिनों कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा को समाप्त करने के लिए कानून लाने वाले है।

तीन तलाक पर शीर्ष अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार मे तीन तलाक देने पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था, "तीन तलाक मुस्लिमों में शादी खत्म करने का सबसे खराब तरीका है." तलाक-ए-बिद्दत मुस्लिम समाज में लंबे समय से चली आ रही एक प्रथा है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर सकता है। इसको सायरा बानो नामक महिला ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी और इसी पर शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को फैसला सुनाया था।

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