मोदी सरकार को नहीं पता, 3800 करोड़ में अब तक कितनी साफ हुई गंगा

मोदी सरकार को नहीं पता, 3800 करोड़ में अब तक कितनी साफ हुई गंगा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-24 13:06 GMT
मोदी सरकार को नहीं पता, 3800 करोड़ में अब तक कितनी साफ हुई गंगा
हाईलाइट
  • करोड़ो खर्च फिर भी सरकार को नही पता गंगा कितनी साफ हुई है।
  • गंगा नदी में बढ़ गया है प्रदुषण।
  • गंगा में पानी की भी कमी है।

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। आपको जानकर आश्चर्य होगा की मोदी सरकार को यह जानकारी ही नही है कि पिछले 4 सालों में गंगा कितनी साफ हुई है। यह खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए हुआ है। गंगा सफाई के नाम पर अब तक 3800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन सरकार को ये जानकारी ही नहीं है कि इतने पैसों से चलाई जा रही योजनाओं के जरिए गंगा के लिए कितना काम हुआ है और गंगा नदी कहां और कितनी साफ हो पाई है।

विक्रांत तोंगड़ ने दायर की थी याचिका
पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ का कहना है कि, "आरटीआई के तहत यह जानकारी मांगी गयी थी कि अब तक गंगा की कितनी सफाई हुई है, पर सरकार इसका कोई आकड़ा उपलब्ध नहीं करा पाई। उन्होने यह भी कहा कि, "सरकार क्या इतनी बात नहीं जानती कि गंगा में गंदे नालों के पानी को जाने से रोके बिना गंगा की सफाई नहीं हो सकती है। नमामि गंगा के तहत सरकार ने गौमुख से गंगा सागर तक का जो हिस्सा कवर किया है, वहां के हालात जाकर देखिए, काई, गाद और कूड़े का ढेर देखने को मिलेगा। इसी तरह आप गढ़गंगा यानी गढ़मुक्तेश्वर का हाल देख लीजिए,सफाई हुई कहां है और हो कहां रही है?"

गंगा में पानी की भी कमी है
पर्यावरणविद तोगड़ ने गंगा के हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि गंगा को लेकर "पॉलिटिकल विल" में इजाफा जरूर हुआ है, लेकिन इस काम को विकेंद्रीकृत किए जाने की जरूरत है। साथ ही उन्होने गंगा नदी की  सफाई के लिए "एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रोच" अपनाए जाने की बात भी कही है। विक्रांत तोगड़ ने गंगा में पानी की कमी पर भी चिंता जताई है। उनका कहना है कि गंगा की सहायक नदियों का अतिक्रमण हुआ है। सफाई के नाम पर जितना खर्च हुआ है उसका फायदा कहीं दिख नहीं रहा है।

फिलहाल गडकरी के पास है मंत्रालय
मोदी सरकार बनने के बाद बाद "नमामि गंगे" नाम से एक परियोजना बनाई गई और इसका दायित्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती को सौंपा गया लेकिन कुछ दिनों बाद ही उमा भारती से यह काम ले लिया  गया और  नितिन गडकरी को इसकी ज़िम्मेदारी दी गयी। अब मोदी सरकार के पांच साल पूरे होने को आ रहा है और सरकार के पास इस बात का कोई जवाब नही है कि पिछले चार सालों में गंगा कितनी साफ हो पायी है। जबकी गंगा सफाई योजना मोदी सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम्स में से एक है।

 

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