गन्ने की कीमत 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा सकती है मोदी सरकार

गन्ने की कीमत 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा सकती है मोदी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-18 07:30 GMT
हाईलाइट
  • 255 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर कीमत 275 रुपए कर सकती है सरकार
  • धान की कीमत में 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा कर चुकी है मोदी सरकार।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को बैठक होने वाली है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धान के एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा करने वाली मोदी सरकार अब गन्ने की कीमत बढ़ाने का ऐलान भी कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को इस मुद्दे पर बैठक होने वाली है। बैठक में गन्ने का दाम 255 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 275 रुपए किया जा सकता है। बैठक में मोदी सरकार नए गन्ना सीजन के लिए कीमत की घोषणा करने वाली है।

 

 

इस दाम पर ही खरीदती हैं चीनी मिल
गन्ने की कीमत हर साल खेती का सीजन शुरू होने से पहले घोषित की जाती है। इसे फेयर एंड रीम्यूनेरेटिव प्राइस कहते हैं। चीनी मिल इस कीमत पर ही किसानों से गन्ना खरीदती है। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कैबिनेट को जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें गन्ने की कीमत में 20 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का जिक्र है।

 

रिकवरी 10 प्रतिशत तो ही मिलेंगे 20 रुपए ज्यादा
प्रस्ताव के मुताबिक किसानों को नई कीमत का फायदा 10 प्रतिशत रिकवरी होने पर ही मिलेगा। रिकवरी का मतलब गन्ने से बनी चीनी की मात्रा होता है। 10 प्रतिशत रिकवरी तय होने से किसानों को 7-8 रुपए प्रति क्विंटल ही फायदा होने का अनुमान है। 2017  में रिकवरी 9.50 प्रतिशत रखी गई थी। रिकवरी जितनी कम होती है कीमत भी उतनी कम होती जाती है। रिकवरी बढ़ने पर कीमत बढ़ती है।

 

23000 करोड़ पहुंच गया था चीनी मिलों पर बकाया
चीनी मिलों पर बकाया कुछ समय पहले करीब 23000 करोड़ पहुंच गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के 150 गन्ना किसानों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं थीं, जिसमें सबसे बड़ी समस्या चीनी मिलों पर बकाया होना थी। राज्य सरकारें कई बार गन्ना किसानों को एफआरपी के अतिरिक्त बोनस बी देती हैं। कर्नाटक, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों की सरकारें किसानों को बोनस देतीं आई हैं।

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