मोहन भागवत ने हिन्‍दू एकता महाकुंभ में कहा, सनातन धर्म छोड़कर गए लोगों की घर वापसी कराएं

चित्रकूट मोहन भागवत ने हिन्‍दू एकता महाकुंभ में कहा, सनातन धर्म छोड़कर गए लोगों की घर वापसी कराएं

Anupam Tiwari
Update: 2021-12-15 14:42 GMT
मोहन भागवत ने हिन्‍दू एकता महाकुंभ में कहा, सनातन धर्म छोड़कर गए लोगों की घर वापसी कराएं
हाईलाइट
  • भागवत ने हिन्‍दू धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी का किया आह्वान
  • मोहन भागवत ने लोगों को दिलाया शपथ

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वंय सेवक प्रमुख मोहन भागवत ने चित्रकूट में चल रहे तीन दिवसीय हिन्‍दू एकता महाकुंभ में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने हिन्‍दू धर्म छोड़ने वालों की घर वापसी का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि भय ज्‍यादा दिन तक बांध नहीं सकता है। अहंकार से एकता टूटती है। हम लोगों को जोड़ने के लिए काम करेंगे। महाकुंभ में शामिल हो रहे लोगों को उन्‍होंने इसका संकल्‍प भी दिलाया।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दिलाई शपथ

आपको बता दें कि लोगों ने संकल्प लेते हुए आरएसएस प्रमुख के साथ कहा कि मैं हिन्दू संस्कृति का धर्मयोद्धा मर्योदा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम की संकल्प स्थली पर सर्वशक्तिमान परमेंश्वर को साक्षी में मानकर संकल्प लेता हूं कि मैं अपने पवित्र हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति और हिन्दू समाज के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन कार्य करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि किसी भी हिन्दू भाई को हिन्दू धर्म से विमुख नहीं होने दूंगा।

जो भाई धर्म छोड़ कर चले गए हैं, उनकी भी घर वापसी के लिए कार्य करूंगा। उन्हें परिवार का हिस्सा बनाऊंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिन्दू बहनों की अस्मिता, सम्मान व शील की रक्षा के लिए सर्वस्व अर्पण करूंगा। जाति, वर्ग, भाषा, पंथ के भेद से ऊपर उठ कर हिन्दू समाज को समरस सशक्त अभेद्य बनाने के लिए पूरी शक्ति से कार्य करूंगा। 

 हिन्दू एकता महाकुंभ में शामिल हुईं बड़ी हस्तियां

गौरतलब है कि चित्रकूट में हिन्दू महाकुंभ की शुरूआत मंगवार को 1100 शंखों के नाद से हुई थी। इस तीन दिवसीय महाकुंभ में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा देश की कई बड़ी हस्तियां मौजूद हैं। महाकुंभ का आयोजन तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य कर रहे हैं। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी शामिल होना है। कार्यक्रम को श्री श्री रविशंकर ने भी सम्‍बोधित किया था। उन्‍होंने कहा कि कुछ लोग जुटते हैं तो भय पैदा होता है। जबकि जहां संत और हिन्‍दू इक्‍ट्ठा होते हैं, वहां अभय मिलता है। उन्‍होंने कहा कि देश भक्ति और ईश्‍वर भक्ति एक ही है। जो देशभक्‍त नहीं है वो ईश्‍वर भक्‍त भी नहीं हो सकता।

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