जब इकोनॉमी क्लास में दिखे इसरो प्रमुख, तालियों से हुआ जोरदार स्वागत.. देखें वीडियो

जब इकोनॉमी क्लास में दिखे इसरो प्रमुख, तालियों से हुआ जोरदार स्वागत.. देखें वीडियो

Bhaskar Hindi
Update: 2019-10-02 12:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चंद्रयान-2 मिशन के बाद देश-विदेश में लोगों का दिल जीतने वाले इसरो के चेयरमैन के सिवन ने इस बार अपनी सादगी से लोगों को प्रभावित किया। टॉप स्पेस साइंटिस्ट होने के बावजूद इसरो प्रमुख एक प्राइवेट एयरलाइन की इकोनॉमी क्लास में यात्रा करते हुए नजर आए। इस दौरान क्रू और साथी यात्रियों ने तालियों से प्लेन में उनका जोरदार स्वागत किया।

इस पूरे घटनाक्रम का सोशल मीडिया पर एक वीडियो जबरदस्त वायरल हो रहा है। वीडियो में, इसरो प्रमुख को विमान के केबिन क्रू और यात्रियों के साथ सेल्फी लेते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान सिवन ने बड़े सरल लहजे में केबिन क्रू व यात्रियों से हाथ मिलाया और उनसे बात भी की। केबिन क्रू ने भी विमान में सिवन का स्वागत किया और उनके इस तरह के गेस्चर के लिए धन्यवाद दिया। एयरलाइंस स्टाफ और सहयात्रियों ने उनके सम्मान में तालियां बजाईं।

इसरो के अध्यक्ष की ये सादगी लोगों को बेहद प्रभावित कर रही है और कई सोशल मीडिया यूजर्स उनका ये वीडियो अलग-अलग प्लेटफॉर्मस पर शेयर कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "यह एक अच्छा एहसास है कि लोग इस अंदाज में वैज्ञानिकों को पहचानते हैं। यह एक बहुत ही सकारात्मक वातावरण है।"  एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, "भारत में इकोनॉमी क्लास में सफर कर रहे ISRO के चेयरमैन ... इस सादगी के लिए एक बड़ा सलाम ... हमें आप पर गर्व हैं।" एक और ट्विटर यूजर ने लिखा, "मैं इस इंडिया को बहुत पसंद करता हूं जहां रियल हीरो को रील हीरो से ज्यादा एकनॉलेजमेंट मिलता है।"

इसरो प्रमुख अपनी सादगी को लेकर इससे पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। सिवन ने भुवनेश्वर में आईआईटी के छात्रों के दीक्षांत समारोह में एक संबोधन के दौरान अपने बारे में बताया था। सिवन ने बताया था कि जब वह युवा थे तो काफी शर्मीले थे। करियर में भी उन्हें कभी वो नहीं मिला जो उन्होंने पहली बार में चाहा। पहले वह इंजीनियरिंग करना चाहते थे, लेकिन बीएससी मैथ्स करना पड़ा। बाद में इंजीनियरिंग की। इसरो में भी वह कुछ और ज्वाइन करना चाहता थे, लेकिन उन्हें PSLV प्रोजेक्ट मिला। इसरो प्रमुख ने कहा, "जरूरी ये है कि आपको मिले अवसर से आप कैसे बेस्ट निकाल पाते हैं।"

बता दें कि इसरो प्रमुख तमिलनाडु के कन्याकुमारी के एक सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता खेती करते थे। बचपन में उन्हें पढ़ाई पूरी करने के लिए मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा था। उन्होंने इसरो ज्वाइन करने के बाद देश की अंतरिक्ष एजेंसी के लिए कई अहम प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई है।

 

 

 

 

 

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