एनआईए ने दविंदर सिंह के मामले में जांच पूरी की
एनआईए ने दविंदर सिंह के मामले में जांच पूरी की
जम्मू, 26 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बर्खास्त उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) दविंदर सिंह की कथित सांठगांठ की जांच पूरी कर ली है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में एक पखवाड़े के अंदर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
सिंह 1989 में उप-निरीक्षक के तौर पर पुलिस में भर्ती हुआ और इसके बाद तेजी से उसका ओहदा बढ़ता चला गया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को तब झटका लगा, जब सिंह इस साल 11 जनवरी को अपने साथी इरफान मीर और नावेद मुश्ताक के साथ श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के मीर बाजार इलाके में गिरफ्तार किया गया। सिंह के साथ गिरफ्तार किए गए यह दोनों व्यक्ति दो सबसे वांछित आतंकवादी हैं।
उसने पुलिस अधिकारियों के साथ बहस की थी, जिन्होंने उसकी कार को रुकवाया था। उसने कहा कि वह एक गुप्त ऑपरेशन पर जा रहा है जिसके बारे में केवल उसके वरिष्ठ ही जानते हैं।
आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों के कारण सिंह पिछले तीन महीनों से अपने वरिष्ठों के रडार पर था।
अगर सिंह के आतंकवादियों के साथ यह कथित संबंध उजागर नहीं हुए होते, तो उसे शीघ्र ही पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पद पर पदोन्नत किए जाने की संभावना थी।
चूंकि यह मामला संवेदनशील था, इसलिए इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई जिसने सिंह को हिरासत में ले लिया और उसे कश्मीर के बाहर स्थानांतरित कर दिया।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने जांच पूरी कर ली है और बर्खास्त पुलिस अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र एक पखवाड़े के भीतर जम्मू में नामित एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि 1990 के शुरुआती दिनों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद शुरू होने बाद दो दर्जन से अधिक स्थानीय पुलिसकर्मियों को आतंकवादियों के साथ उनके संबंधों के लिए बर्खास्त किया जा चुका है। इनमें से अधिकतर लोग अलग-अलग ऑपरेशनों में या तो मार दिए गए या इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस में भारत की शांति व स्थिरता को चुनौती देने वाले ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति चिंता का विषय रही है। मगर साथ ही इसमें ऐसे सक्षम और बहादुर पुलिसकर्मियों की भी कोई कमी नहीं है, जिन्होंने देश की सेवा में अपना जीवन लगा दिया है।