राष्ट्रपति चुनाव : हराने के लिए चुनी बिहार की बेटी ?

राष्ट्रपति चुनाव : हराने के लिए चुनी बिहार की बेटी ?

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-23 13:36 GMT
राष्ट्रपति चुनाव : हराने के लिए चुनी बिहार की बेटी ?

टीम डिजिटल, पटना. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भले ही शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू यादव की इफ्तार पार्टी में जाकर चौंका दिया हो, लेकिन सीएम ने एक बात स्पष्ट कर दी है कि राष्ट्रपति चुनाव के मामले में रामनाथ कोविंद को लेकर उनका मन नहीं बदलेगा. इफ्तार पार्टी से बाहर निकलने के बाद नीतीश ने कहा कि यूपीए ने बिहार की बेटी मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में हराने के लिए खड़ा किया है ?

राष्ट्रपति चुनाव में जदयू और राजद के अलग-अलग पाले में खड़े होने पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक टकराव का विषय नहीं है। एनडीए में रहते हुए भी यूपीए उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि यह राजनैतिक स्वतंत्रता का मामला है जिसे जो सही लगे वो वह कर रहा है.

लालू द्वार नीतीश के फैसले को ऐतिहासिक भूल कहने पर नीतीश ने कहा कि कौन क्या कहता है उससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता. अगर यह ऐतिहासिक भूल है तो ठीक हैं..देखेंगे आगे क्या होता है. नीतीश ने इस दौरान यूपीए को भी सीख दे डाली. उन्होंने कहा, 'दो बार मौका था तब बिहार की बेटी को राष्ट्रपति क्यों नहीं बनाया. यदि सच में बिहार का सम्मान करना है तो 2019 में जीत के लिए रणनीति बनाइए और 2022 में बिहार की बेटी को राष्ट्रपति बनाइए। अभी भी मौका है उन्हें दोबारा सोचना चाहिए.' 

बता दें कि इफ्तार पार्टी में शामिल होकर नीतीश ने उन चर्चाओं को फिर बल दे दिया था कि वे अपने फैसले को पलट कर राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार को अपना समर्थन दे सकते हैं. लालू प्रसाद यादव ने भी कल गुरुवार को कहा था कि वे इस मुद्दे पर नीतीश कुमार से बात करेंगे और नीतीश को अपना फैसला बदलने के लिए कहेंगे. हालांकि जदयू नेता केसी त्यागी ने पहले ही साफ कर दिया था कि नीतीश अपना फैसला नहीं बदलेंगे. उनका समर्थन रामनाथ कोविंद के साथ ही रहेगा. त्यागी ने कहा था कि नीतीश ने सोच-विचार कर रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया है.

बता दें कि कांग्रेस समेत 17 विपक्षी पार्टियों ने कल गुरुवार राष्ट्रपति पद के लिए मीरा कुमार को अपना उम्मीदवार चुना था. पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का इस चुनाव में मुकाबला एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद से होगा. यूपीए और एनडीए दोनों गठबंधनों ने इस बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए दलित कार्ड खेला है.

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