बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र और एमपी में भी लागू नहीं होगा CAB

बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र और एमपी में भी लागू नहीं होगा CAB

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-13 12:10 GMT
बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र और एमपी में भी लागू नहीं होगा CAB

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को नागरिकता संशोधन बिल पर मुहर लगाकर इसे कानून बनाने की अनुमति तो दे दी, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में इस कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन अब भी जारी है। वहीं कुछ राज्य सरकारों ने इसे अपने सूबे में लागू करने से ही इनकार किया है। पश्चिम बंगाल, केरल और पंजाब के बाद अब महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश सरकार ने संकेत दिया है कि वह इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला कर सकते हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और उद्धव सरकार में मंत्री बाला साहेब थोराट के साथ एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस बात के संकेत दिए हैं।

नागरिकता संशोधन ​अधिनियम पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे इस ​अधिनियम पर फैसला लेंगे। इस राज्य में सभी जाति, धर्म और भाषा के लोग रहते हैं। उन सभी को यह महसूस करना चाहिए कि यह सरकार उनकी है। हमारा सरकार एक मुक्त वातावरण बनाए रखेगा और यह देखेगा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखी गई है। इस मामले को लेकर शिवसेना पर कोई दबाव नहीं है, कभी भी कोई दबाव नहीं होगा। उद्धव ठाकरे सक्षम हैं, वे राज्य के हित में फैसला लेंगे।

 

 

वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में पारित करके और इसके कानून बनाकर केंद्र सरकार हमें इसे मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकती है। उधर, छत्तीसगढ़ ने भी अब इसे नहीं लागू करने का संकेत दिया है। ऐसे में अब कुल 6 राज्य ऐसे हो गए हैं, जो इस कानून के सीधे विरोध में दिख रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जो भी स्टैंड नागरिकता कानून पर लेगी, हम लोग उसका पालन करेंगे। हमलोग उस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं होना चाहते, जिसका बीज भेदभाव हो।

 

 

वहीं बाला साहेब थोराट ने कहा, "हम पार्टी नेतृत्व की नीति का पालन करेंगे।"

 

 

गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया है। उधर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा है कि इस कानून पर पार्टी नेतृत्व का निर्णय ही उनका भी निर्णय है।

 

 

इससे पहले पंजाब के सीएम कैप्टन सिंह के ऑफिस की ओर से गुरुवार को यह ऐलान किया गया कि राज्य में इसे लागू नहीं किया जाएगा। वहीं, केरल के सीएम पिनरई विजयन ने भी कहा है कि उन्हें भी यह स्वीकार नहीं है। विजयन ने इसे असंवैधानिक बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक आधारों पर बांटने की कोशिश कर रही है।

 

उधर, पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार में मंत्री डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे। ओ ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता पहले ही यह बात कह चुकी हैं।

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्‍तर भारत के तीन राज्‍यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्‍कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार कर्फ्यू का उल्‍लंघन कर रहे हैं। यहां तक कि उनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा।

प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को असम में यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया। राज्‍य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्‍य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने ड‍िब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है।

 

 

 

 

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