एमएसएमई ही पूरा करेगा गांधी, दीनदयाल और प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य : अरुण सिंह

एमएसएमई ही पूरा करेगा गांधी, दीनदयाल और प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य : अरुण सिंह

IANS News
Update: 2020-03-18 17:01 GMT
एमएसएमई ही पूरा करेगा गांधी, दीनदयाल और प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य : अरुण सिंह
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  • एमएसएमई ही पूरा करेगा गांधी
  • दीनदयाल और प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य : अरुण सिंह

नई दिल्ली, 18 मार्च(आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बुधवार को राज्यसभा में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग(एमएसएमई) के महत्व पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने एमएसएमई सेक्टर को देश के आर्थिक ढांचे में रीढ़ की हड्डी बताया।

सिंह ने राज्यसभा में कहा, चाहे महात्मा गांधी के सर्वोदय भारत की बात हो, या पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की संकल्पना की बात हो या फिर प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ सबका विकास का लक्ष्य हो। ये सभी लक्ष्य हम एमएसएमई के माध्यम से ही पूरा कर सकते हैं।

अरुण सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 तक भारत को पां ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला देश बनाना चाहते हैं। इस लक्ष्य को पूरा करने में सबसे बड़ा योगदान एमएसएमई सेक्टर का होगा।

भाजपा महासचिव ने कहा, तीन चीजें-इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और फाइनेंस के दम पर एमएसएमई सेक्टर का विकास हो सकता है। पहले की सरकारें इस सेक्टर को नजरअंदाज करतीं थीं। 70 सालों में इस सेक्टर का विकास नहीं हुआ। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सेक्टर की बेहतरी के लिए 12 प्रमुख घोषणाएं कीं। सिन्हा कमेटी की सिफारिशें लागू की गईं।

अरुण सिंह ने कहा कि आज एमएसएमई सेक्टर से छह हजार से ज्यादा वस्तुओं का प्रोडक्शन और सेल हो रहा है। इसका जीडीपी में 29 प्रतिशत योगदान है। आने वाले समय में इसे 50 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य है। कृषि के बाद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान है। एमएसएमई सेक्टर की एक करोड़ से अधिक यूनिटें जीएसटी में रजिस्टर्ड हो गईं हैं।

भाजपा महासचिव ने कहा कि आज कोरोना के संकट के कारण एक देश का सामान दूसरे देश नहीं जा पा रहा है। ऐसे में महात्मा गांधी के स्वावलंबी भारत की कल्पना के तहत इस सेक्टर को और बढ़ावा देने की जरूरत है। मोदी सरकार ने बजट में सात हजार 572 करोड़ का बजट आवंटन किया है। इससे पता चलता है कि सरकार एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाना चाहती है।

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