बदल रहे हैं सियासी समीकरण, क्या महागठबंधन में शामिल होंगे नीतीश कुमार?

बदल रहे हैं सियासी समीकरण, क्या महागठबंधन में शामिल होंगे नीतीश कुमार?

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-27 14:58 GMT
बदल रहे हैं सियासी समीकरण, क्या महागठबंधन में शामिल होंगे नीतीश कुमार?
हाईलाइट
  • कांग्रेस की तरफ से नीतीश कुमार को गठबंधन में शामिल होने का ऑफर भी दिया गया है।
  • जेडीयू फिलहाल महागठबंधन में शामिल होने से इनकार कर रही है।
  • लालू यादव नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने के लिए तैयार हैं

डिजिटल डेस्क, पटना। 2019 में होने वाले बिहार चुनावों के लिए सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आरजेडी प्रमुख लालू यादव को किए कॉल के बाद एक बार फिर ये हलचल तेज हो गई है कि क्या नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं? कांग्रेस की तरफ से नीतीश कुमार को गठबंधन में शामिल होने का ऑफर भी दिया गया है। हालांकि जेडीयू फिलहाल महागठबंधन में शामिल होने से इनकार कर रही है। वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन के रास्ते बंद हो चुके हैं। 

नीतीश जी ने हर बार धोखा दिया : तेजस्वी
नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा है, "नीतीश जी ने हर बार धोखा देने का काम किया है। ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको हमारे चाचा ने ठगा नहीं। अगर वो फिर से आना चाहे महागठबंधन में उनकी जगह नहीं होगी।" वहीं दूसरी ओर ऐसा माना जा रहा है कि लालू यादव नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल करने के लिए तैयार हैं क्योंकि वह ये बखूबी जानते हैं कि 2019 की जीत के लिए उन्हें जेडीयू के समर्थन की जरुरत पड़ेंगी। लेकिन लालू के बेटे तेजस्वी, नीतीश को गठबंधन में शामिल करने से इनकार करते रहे हैं क्योंकि तेजस्वी की पहली शर्त यही है कि महागठबंधन में शामिल सभी दल तेजस्वी को ही महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का दावेदार समझें। ऐसे में नीतीश कुमार को अपनी दावेदारी छोड़नी पड़ेगी, जो लगभग नामुमकिन नजर आती है।

कांग्रेस का न्योता
दूसरी ओर कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होकर एनडीए के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का निमंत्रण दे चुके हैं। गोहिल के बाद बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष कौक़ब क़ादरी ने भी बुधवार को नीतीश की वापसी के क़यासों को यह कहते हुए और बल दे दिया कि राजनीति में सम्भावनाएं हमेशा बनी रहती हैं और दरवाज़े कभी बंद नहीं होते। इतना ही नहीं कौक़ब क़ादरी ने तेजस्वी के नीतीश की वापसी पर नकारात्मक रवैए को भी बैठकर बात करके सुलझाने की बात कही।

नीतीश की बीजेपी सरकार के खिलाफ बयानबाजी
पिछले कुछ दिनों से नीतीश कुमार जिस तरह से बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, इस बात ने भी नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने की बातों को बल दिया है। वीपी सिंह की जयंती पर 25 जून को नीतीश कुमार ने एक प्रोग्राम में जो कुछ कहा, उसकी उम्‍मीद बीजेपी को कतई नहीं रही होगी। नीतीश ने कहा देश में वोट के लिए जातीय और सांप्रदायिक तनाव का माहौल बनाया जा रहा है, जिससे वोटर जातीय और सांप्रदायिक आधार पर इधर से उधर हो जाएं। वहीं बिहार की राजनीति पर नजर रखने वालों का मानना है कि नीतीश ने जिस उम्‍मीद के साथ बीजेपी का दामन थामा था, उनकी वे उम्‍मीदें अब कुंभला रही हैं। उन्‍हें एनडीए में वो भाव नहीं मिल रहा, जिसकी उन्‍हें अपेक्षा रही होगी इसीलिए वह इस तरह की बयान बाजी कर रहे है।

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