ओडिशा में Prithvi-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत

ओडिशा में Prithvi-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-22 02:24 GMT
ओडिशा में Prithvi-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी खासियत

डिजिटल डेस्क, बालेश्वर। भारतीय वैज्ञानिकों ने ओडिशा के परीक्षण केंद्र में बुधवार रात पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल रात्रि परीक्षण किया है। ये परीक्षण बुधवार रात 8:30 बजे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) के प्रक्षेपण परिसर-3 में हुआ। बता दें कि पृथ्वी-2 मिसाइल पूरी तरह से स्वदेश निर्मित मिसाइल है। इसके सफल परीक्षण के बारे में जानकारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों ने दी है। भारत ने मेक इन इंडिया के तहत बनी अपनी पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण करने में कामयाबी हासिल की है। बता दें कि इससे पहले 18 जनवरी को अग्नि-5, छह फरवरी को अग्नि-1 और 20 फरवरी को अग्नि-2 का ओडिशा के अब्दुल कलाम आइलैंड से सफल परीक्षण किया गया था।

Agni II Ballistic Missile: ओडिशा में अब्दुल कलाम आइलैंड से अग्नि- 2 का सफल परीक्षण

क्या है इस मिसाइल की खासियत


पृथ्वी-2 मिसाइल परमाणु आयुध ले जाने से लेकर 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है।
1000 किलोग्राम तक का हथियार ले जान में सक्षम है मिसाइल।
पृथ्वी-2 मिसाइल में दोहरे इंजन की Liquid propellant तकनीक है।
पृथ्वी-2 मिसाइल अपने प्रक्षेप से बड़ी कुशलता से आगे बढ़ने का माद्दा रखती है। 
350 किलोमीटर मार करने की क्षमता के साथ 1000 किलोग्राम तक वजन ढोना इसकी खासियत है। 
पृथ्वी-2 मिसाइल युद्ध स्थिति में सेना को अधिक मदद पहुंचाएगी।

 

 

 

 

आधुनिक तकनीक से लैस है मिसाइल


रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिकों की देखरेख में इसका प्रशिक्षण किया गया है। जिसमें यह सफलतापूर्वक सैन्य अभ्यासों के बाद अब दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब के लिए तैयार है। यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है। इससे पहले पृथ्वी-II का सफल यूजर ट्रायल 16 फरवरी 2016 और 14 नवंबर 2014 को किया गया था। पृथ्वी-II में दो इंजन लगे हैं जिसकी लंबाई 8.56 मीटर, चौड़ाई 1.1 मीटर और वजन 4,600 किलोग्राम है। प्रक्षेपण को सफल बताते हुए रक्षा सूत्रों ने कहा कि परीक्षण के दौरान मिशन के सभी लक्ष्य पूरे हुए। पूरी लॉन्चिंग प्रक्रिया सेना के रणनीतिक बल कमान (एसएफसी) ने संपन्न कराई, जिसकी निगरानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने की। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक पृथ्वी-2 कई खासियतों के चलते आधुनिक है। 

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