झूठे नाम से डिग्री लेने से लेकर निर्भया के भाई की मदद तक, राहुल गांधी के जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़े बड़े राज

झूठे नाम से डिग्री लेने से लेकर निर्भया के भाई की मदद तक, राहुल गांधी के जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़े बड़े राज

Juhi Verma
Update: 2021-06-19 04:42 GMT
झूठे नाम से डिग्री लेने से लेकर निर्भया के भाई की मदद तक, राहुल गांधी के जन्मदिन पर जानिए उनसे जुड़े बड़े राज
हाईलाइट
  • 51 साल के हुए राहुल गांधी
  • कोरोना के चलते कांग्रेस ने लिया है बड़ा फैसला
  • सेवा दिवस के रूप में मनेगा राहुल गांधी का जन्मदिन

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। राहुल गांधी शनिवार यानि आज 51 साल के हो गए हैं। उम्र के इस पड़ाव पर भी वो एक युवा राजनेता हैं और कांग्रेस की तरफ से अघोषित रूप से पीएम इन वेटिंग भी हैं। देश के वो एकमात्र ऐसे नेता भी नजर आते हैं जो मोदी लहर के बीच भी अकेले खुलकर उनकी खिलाफत करते नजर आते हैं। गांधी परिवार में जन्मे लिहाजा राजनीति विरासत में मिली है। यही वजह है कि समय समय पर ऐसे सवाल उठते रहे हैं कि सियासी दुनिया के लिए राहुल कितने फिट हैं। 19 जून यानि उनके जन्मदिन के मौके पर आपको बताते हैं कुछ ऐसे राज जिन्हें खुलकर कभी खुद राहुल गांधी ने साझा नहीं किया उनके आधार पर आप खुद ही ये तय कीजिए कि वो राजनीति में कितने फिट बैठते हैं।

  • । राजनीति में आ पहले राहुल गांधी एक कंपनी में नौकरी कर चुके हैं। कैम्ब्रिज से ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के बाद राहुल ने जिस फर्म में नौकरी की उसका नाम था मॉनिटर ग्रुप।
  •  इसके बाद राहुल गांधी ने मुम्बई में अपनी खुद की फर्म भी शुरू की। 2002 में शुरू की गई इस फर्म का नाम था बैकॉप्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
  • राजनीति में आए राहुल गांधी एकिडो में ब्लैक बैल्ट भी हैं। एकिडो एक जैपनीस मार्शल आर्ट है।
  •  1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी का स्कूल छुड़वा दिया गया था। सुरक्षा कारणों से उन दोनों की पढ़ाई घर पर ही जारी रही।
  • यूके के ट्रीनिटि कॉलेज से राहुल गांधी ने Raul Vincy नाम से एमफिल की डिग्री पूरी की है। सुरक्षा कारणों से वो ऐसा करने के लिए मजबूर हुए 
  • दिल्ली में हुए निर्मम निर्भया गैंगरेप केस के बाद राहुल गांधी बेहद खामोशी से निर्भया के परिवार का ध्यान रखते रहे। इस बीच उन्हें पता चला कि पीड़िता का भाई पढ़ाई पूरी कर डिफेंस फोर्स में शामिल होने चाहता है। इसके बाद राहुल गांधी ने उनकी मानसिक और आर्थिक दोनों रूप से बहुत मदद की।
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