केन्द्र सरकार को बड़ा झटका, रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा

केन्द्र सरकार को बड़ा झटका, रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-10 12:01 GMT
केन्द्र सरकार को बड़ा झटका, रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा
हाईलाइट
  • काफी समय से RBI और केंद्र सरकार के बीच चल रहे विवाद के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है।
  • पटले का कार्यकाल सितंबर में समाप्ता होना था।
  • रीजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया है। काफी समय से RBI और केंद्र सरकार के बीच चल रहे विवाद के बाद उन्होंने यह निर्णय लिया है। पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 में समाप्त होना था, लेकिन उन्होंने 9 महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि RBI के पास उपलब्ध करंसी में से सरकार कुछ हिस्सा लेना चाहती थी, जिसे लेकर उर्जित पटेल सहमत नहीं थे। इसके अलावा कमजोर बैंकों के लिए नियमों को आसान बनाने के मुद्दे को लेकर भी केन्द्र और RBI गवर्नर के बीच असहमति थी। 

इस्तीफा देते हुए पटेल ने कहा, "कुछ निजी कारणों की वजह से मैंने RBI चीफ के पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में कई पद पर वर्षों तक काम करना मेरे लिए सम्मान और गौरव की बात है।"

पटेल ने RBI स्टाफ और अपने साथियों का भी शुक्रिया अदा किया। पटेल ने कहा, "RBI के पूरा स्टाफ काफी मेहनती और सहायक है। इनकी वजह से ही RBI आज इतनी उपर है। इतने सालों तक RBI स्टाफ द्वारा मेरा साथ निभाने के लिए मैं उनका आभारी रहूंगा। मैं अपने सभी कलीग और RBI सेंट्रल बोर्ड के डायरेक्टर्स का भी आभारी रहुंगा। मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।"

उर्जित पटेल ने 4 सितंबर, 2016 को अपना कार्यकाल शुरू किया था। उनसे पहले रघुराम राजन इस पद पर कार्यरत थे। रघुराम राजन ने भी केन्द्र सरकार से टकराव के बाद अपना कार्यकाल आगे बढ़ाने से मना कर दिया था।

उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर, 2019 में समाप्त होना था। पटेल के ही कार्यकाल में केंद्र सरकार नोटबंदी लेकर आई थी। पटेल के जाने से सरकार को तगड़ा झटका लगा है।

बता दें कि पिछले काफी समय से केंद्र और RBI के बीच तानातानी चल रही थी। अक्टूबर से में यह तब सामने आयी जब केंद्र सरकार तीन प्रमुख मुद्दों को लेकर बैंक पर दबाव बना रही थी, जिसमें बैंक में मौजूद अतिरिक्त रुपए शामिल थे। भारतीय रिजर्व बैंक के पास 9.59 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त मौजूद थे। सरकार इन पैसों का एक तिहाई यानि 3.6 लाख करोड़ विकास कार्यों का हवाला देकर लेना चाहती थी। वहीं RBI ने इसे देने से मना कर दिया था। बैंक का तर्क था कि भविष्य में अगर कभी आपात स्थिति आती है, तो उसे देखते हुए अतिरिक्त रुपए अपने रिजर्व में रखना जरूरी है। पटेल ने कहा था कि सरकार को RBI के काम में दखल देने की जरूरत नहीं है।

पिछले महीने, बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मुंबई में नौ घंटे से अधिक समय तक मीटिंग की थी। इसके बाद बैंक, केंद्र सरकार से समझौता करने को तैयार हो गया था। अब अचानक उर्जित पटेल के इस्तीफा देने से केंद्र सरकार एकबार फिर कठघरे में आ गई है।

 

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