राज्यपाल के समक्ष पेश हो सकते हैं मप्र कांग्रेस के बागी विधायक

राज्यपाल के समक्ष पेश हो सकते हैं मप्र कांग्रेस के बागी विधायक

IANS News
Update: 2020-03-16 10:00 GMT
राज्यपाल के समक्ष पेश हो सकते हैं मप्र कांग्रेस के बागी विधायक
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भोपाल, 16 मार्च (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छंटते नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस से बगावत कर बेंगलुरू गए विधायक भी कथित तौर पर भोपाल पहुंचकर राजभवन में राज्यपाल के समक्ष पेश हो सकते हैं। दावा यह भी किया जा रहा है कि विधायक बेंगलुरू में मीडिया के सामने आकर अपनी बात कह सकते हैं।

दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद से पार्टी के 22 विधायक अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। त्याग-पत्र देने वाले छह विधायक राज्य में मंत्री थे, जिन्हें पहले ही बर्खास्त कर दिया गया और बाद में उनकी सदस्यता खत्म की गई। वर्तमान में 21 विधायक बेंगलुरू में हैं।

कांग्रेस विधायकों को बेंगलुरू ले जाने में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया ने कहा, विधायक वहां बंधक नहीं हैं, वे अपनी बात पत्र और वीडियो के माध्यम से कह रहे हैं। साथ ही वे सोमवार को मीडिया के सामने आकर अपनी बात रख सकते हैं। जरूरत पड़ने पर विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल (लालजी टंडन) के समक्ष पेश भी हो सकते हैं।

सिंधिया के करीबी सूत्रों ने कहा, बेंगलुरू में चार्टर प्लेन तैयार हैं, और विधायक सिंधिया के इशारे के इंतजार में हैं। निर्देश मिलते ही वे अपना अगला कदम बढ़ाएंगे।

वहीं, दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ सिंधिया की बैठकों का दौर रविवार को जारी रहा और आज (सोमवार) भी इस बाबत संवाद जारी है।

गौरतलब है कि गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया की सदस्यता समाप्त की जा चुकी है। विधायक हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, एदल सिंह कंसाना, मनोज चौधरी व बिसाहू लाल सिंह ने भी इस्तीफे दिए हैं। इनमें से कई विधायक अपना इस्तीफा मंजूर करने का दोबारा अनुरोध विधानसभाध्यक्ष से कर चुके हैं।

राज्य में भाजपा के 107 विधायक हैं, मगर पार्टी की ओर से 106 विधायकों ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर शपथ पत्र दिए और कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के अल्पमत होने की बात कही। भाजपा के एक विधायक नारायण त्रिपाठी के भाजपा के साथ न होने की बात कही जा रही है।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ की सरकार अल्पमत की है और उसे सिर्फ 92 विधायकों का समर्थन हासिल है। भाजपा को बहुमत हासिल है। भाजपा के पास 106 विधायक हैं।

उन्होंने कहा, भाजपा विधायक राज्यपाल के सामने उपस्थित हुए हैं। कांग्रेस बहुमत साबित करने से भाग रही है। राज्यपाल ने आश्वस्त किया है कि विधायकों के संवैधानिक हितों की रक्षा करेंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कांग्रेस से बगावत करने वाले 16 विधायक भी राज्यपाल के समक्ष पेश होकर सरकार के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार के विरोध में 122 विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस सरकार का ज्यादा चल पाना संभव नहीं होगा।

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