निजता के अधिकार : बूचड़खानों पर भी पड़ेगा कोर्ट के आदेश का असरः सुप्रीम कोर्ट

निजता के अधिकार : बूचड़खानों पर भी पड़ेगा कोर्ट के आदेश का असरः सुप्रीम कोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-25 16:14 GMT
निजता के अधिकार : बूचड़खानों पर भी पड़ेगा कोर्ट के आदेश का असरः सुप्रीम कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि निजता के अधिकार को बेबुनियाद घोषित करने के फैसले का असर महाराष्ट्र में बीफ रखने से संबंधित मामलों पर भी कुछ हद तक पड़ेगा। महाराष्ट्र हाइकोर्ट ने पिछले साल मई 2016 में सेक्शन  5(D) और 9(B) महाराष्ट्र जानवर सुरक्षा अधिनियम 1995 के तहत जानवरों के कत्ल को अपराध घोषित कर दिया गया था। जिसके बाद से लगातार गायों और जानवरों को महाराष्ट्र के पास के राज्यों के बूचड़खानों के बाहर ले जाया जा रहा था।

महाराष्ट्र के कुछ एक्टिविस्टों ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर अपील दायर की थी। गुरुवार को राइट टू प्राइवेसी वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले को लेकर जज एसके सीकर और अशोक भूषण की 7 जजों की एक कमेटी ने कहा कि बेशक निजता के अधिकार के फैसले का असर इस मामले पर जरूर देखने को मिलेगा। 

क्योंकि कोई नहीं चाहता कि उसे क्या खाना और क्या पहनना है। व्यक्ति को क्या खाना है और क्या पहनना है यह एक फंडामेंटल राइट है, जिस पर किसी को भी रोक लगाने का अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का राइट टू प्राइवेसी को फंडामेंटल राइट बनाने का फैसला आया है। जिसके बाद से महाराष्ट्र में बीफ पर बैन लगने वाले मुद्दा पर लोगों की नजरें लगी हैं।

 

 

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