उधार में चल रहा आरटीई, एमपी में पिछले साल का ही भुगतान नहीं दिया !

उधार में चल रहा आरटीई, एमपी में पिछले साल का ही भुगतान नहीं दिया !

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-06 14:07 GMT
उधार में चल रहा आरटीई, एमपी में पिछले साल का ही भुगतान नहीं दिया !

डिजिटल डेस्क, अनूपपुर। जिले में 'शिक्षा का अधिकार अभियान' (आरटीई) उधार पर ही चल रहा है। यहां नए शैक्षणिक सत्र में इसके तहत प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और 1562 छात्रों को निजी विद्यालयों में दाखिला मिल चुका है, लेकिन शासन द्वारा आरटीई के तहत निजी विद्यालयों द्वारा प्रवेश देने के बाद मिलने वाला शुल्क भुगतान बीते साल से नहीं मिला है। आलम यह है कि प्रदेशभर में इसका भुगतान कहीं भुगतान कहीं नहीं किया गया है, जिससे इस साल निजी विद्यालयों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

बीते वर्ष आरटीई के तहत लगभग 1198 विद्यार्थियों का दाखिला विभाग ने किया था, लेकिन इनका शैक्षणिक सत्र बीत जाने के बाद भी आज तक शुल्क भुगतान शासन ने नहीं किया है और ऐसे में आरटीई के तहत प्रवेश देने वाले निजी विद्यालयों की माली हालत खराब होते जा रही है। विद्यालयों के द्वारा शुल्क भुगतान के लिए कई बार संबंधित विभाग से इसकी जानकारी ली गई लेकिन शासन स्तर पर दिए जाने वाले इस राशि की जानकारी विभाग को भी ज्यादा नहीं होने के कारण वह भी विद्यालयों को संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

स्कूल में एडमिशन की जानकारी ही नहीं

निर्धन वर्ग के बच्चों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश दिलाते हुए उन्हें नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाता है। इस वर्ष भी विभाग द्वारा इसके लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसके तहत अनूपपुर जिले से कुल 2093 आवेदन विभाग को प्राप्त हुए। विभाग द्वारा इस वर्ष आरटीई के तहत 4667 सीटे इसके लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन समय बीत जाने के बाद भी आधे से कम शीट पर ही आवेदन प्राप्त हो पाए हैं। जिसकी वजह बताया जा रहा है कि ज्यादा क्षेत्रों में इसकी जानकारी न हो पाने के कारण आवेदन कम संख्या में आए।

3055 शीट रह गई खाली

सर्व शिक्षा अभियान विभाग के द्वारा इस वर्ष आरटीई के तहत प्रवेश के लिए जितनी 4667 सीटे निर्धारित की गई थी उनमें विभाग को मात्र 1612 सीटों पर ही प्रवेश दिया गया है तथा 3055 सीटे अभी भी रिक्त हैं। विभाग को इस वर्ष 2093 आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें 1918 आवेदन ही मान्य किए गए जिनमें 1612 आवेदन दस्तावेजों के सत्यापन के बाद वैध पाए गए जिनमें 1562 को अभी तक प्रवेश दिया गया है।

शासन पर विद्यालयों का 46 लाख बकाया

शैक्षणिक सत्र 2016-17 में आरटीई के तहत विभाग ने 1198 छात्रों को दाखिला निजी विद्यालयों में दिया था, जिनका शुल्क भुगतान शैक्षणिक सत्र बीतने के बाद भी शासन अब तक नहीं किया है। शासन के द्वारा निजी विद्यालयों को एक छात्र के नि:शुल्क प्रवेश के बदले विद्यालयों को अधिकतम 3874 रुपए का भुगतान किए जाने के प्रावधान हैं। इस तरह से लगभग 46 लाख रुपए के शुल्क का भुगतान विद्यालयों को बकाया है, जिसके लिए विद्यालय प्रबंधन परेशान है।

नए सत्र में प्रवेश देने से परेशानी

पिछले शैक्षणिक सत्र का भुगतान न होने से इस वर्ष निजी विद्यालय आरटीई के तहत प्रवेश देने से परहेज कर रहे हैं। जिले में 202 निजी विद्यालय संचालित हैं, जहां प्रवेश की शासन ने अलग-अलग संख्या निर्धारित की है, लेकिन समय पर भुगतान होने से विद्यालय प्रवेश देने से बच रहे हैं।

 प्रदेश में अभी तक कहीं भी भुगतान नहीं

प्रदेश में अभी तक कहीं भी आरटीई के तहत निजी विद्यालयों को बीते शैक्षणिक सत्र का भुगतान नहीं किया गया है, जैसे ही शासन स्तर पर यह प्रारंभ होगा,जिले में भी भुगतान हो जाएगा। -डीएस राव, समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान  

 

 

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