दिल्ली में पानी पर बवाल, केंद्र की रिपोर्ट को केजरीवाल ने दी चुनौती

दिल्ली में पानी पर बवाल, केंद्र की रिपोर्ट को केजरीवाल ने दी चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-18 13:51 GMT
दिल्ली में पानी पर बवाल, केंद्र की रिपोर्ट को केजरीवाल ने दी चुनौती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण के बाद अब पानी को लेकर भी राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली के पानी को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बेहद खराब करार देते हुए कहा था कि यह पीने लायक नहीं है। इस पर पलटवार करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के पानी की गुणवत्ता काफी बेहतर है। केजरीवाल ने पासवान को चुनौती देते हुए कहा कि मैं चुनौती दे रहा हूं रामविलास पासवान जी को, वे भी आएं और जांच करें कि दिल्ली का पानी साफ है या नहीं। वहीं सीएम ने यह भी कहा कि फिलहाल ऑड-ईवन को बढ़ाने की जरूरत नहीं है।

पासवान का बयान:

पासवान ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली का एक भी विधायक यह यह नहीं कह सकते कि हमारे इलाके में पानी स्वच्छ मिलता है। उन्होंने कहा कि हम ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) के दो-तीन अधिकारी देते हैं और दो-तीन अधिकारी दिल्ली सरकार दे दें। वे जिस इलाके में भी चाहे संयुक्त रूप से पानी के नमूने एकत्र कर लें। इन नमूनों की जांच प्रयोगशाला में कराएंगे और उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे। पासवान ने कहा कि आज दिल्ली में स्थिति यह है कि कोई भी व्यक्ति नल का पानी बगैर फिल्टर किए या गर्म किए नहीं पी सकता। नल से नीला-पीला पानी निकलता है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा गरीब तबके के और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग तथा बच्चे प्रभावित होते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने हाल ही में पानी के नमूने मंगाये थे, लेकिन प्राथमिक स्तर पर ही ये सभी नाकाम साबित हो गए, जबकि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार का दावा है कि यह (पानी) यूरोपीय मानदंडों के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि 3 अक्टूबर को हमने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई थी। मीडिया के समक्ष प्रस्तुतिकरण दी गई। इसमें स्वच्छ पेयजल के मामले में मुंबई शीर्ष पर रहा, जबकि दिल्ली सबसे निचले स्थान पर रहा था।

केजरीवाल का पलटवार:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट को दुष्रचार का हथियार करार दिया। केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि सिर्फ 11 जगह के सैंपल की जांच के आधार पर शहर की नल के पानी की गुणवत्ता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान खुलासा नहीं कर रहे हैं कि नमूने कहां से लिए गए थे। केजरीवाल ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि मैं दिल्ली के प्रत्येक वार्ड से 5 नमूने लूंगा, इसकी जांच करवाऊंगा और फिर आंकड़ों को सार्वजनिक करूंगा। केजरीवाल ने कहा कि पानी की गुणवत्ता के बेहतर आंकलन के लिए दिल्ली में 2,000 नमूने लिए जाने चाहिए थे। मैं चुनौती दे रहा हूं रामविलास पासवान जी को, वे भी आएं और जांच करें कि दिल्ली का पानी साफ है या नहीं। बता दें कि सरकार ने सर्वे के आधार पर साफ पानी को लेकर 21 शहरों की रैंकिंग जारी की है जिसके मुताबिक दिल्ली का पानी सबसे खराब हैजबकि मुंबई में सबसे अच्छा।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) शहर के विभिन्न हिस्सों से हर दिन 500 पानी के नमूने लेता है। जनवरी से सितंबर तक डीजेबी ने 1,55,302 नमूने लिए, जिसमें से 2,222 नमूने फेल हो गए। इसका मतलब है कि लगभग 1.43 प्रतिशत नमूने फेल हो गए और 98.27 प्रतिशत नमूनों ने परीक्षण पास कर लिया।उन्होंने कहा कि अक्टूबर में डीजेबी ने 16,502 नमूने लिए थे, जिनमें से 658 नमूने फेल हो गए। इसका मतलब केवल 4 फीसदी नमूने ही फेल हुए। केजरीवाल ने कहा कि पानी पर की जा रही राजनीति सही नहीं है। "70 सालों से, इन लोगों ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है। हम 5 साल में सब कुछ नहीं कर सकते। लेकिन हमारा दावा है कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

केंद्र सरकार की रिपोर्ट:

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो के अध्ययन के दूसरे चरण की रिपोर्ट जारी की, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के साथ ही कोलकाता और चेन्नै के पानी के नमूने जांच के 11 मानकों में से 10 में असफल रहे हैं।

दिल्ली में ऑड-ईवन बढ़ाने की जरूरत नहीं-केजरीवाल

सीएम केजरीवाल ने साथ ही साफ किया कि अब दिल्ली में ऑड-ईवन नहीं बढ़ाया जाएगा। सीएम ने कहा कि आसमान साफ हो गया है इसलिए अब इसकी जरूरत नहीं है। केजरीवाल ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह सोमवार को ऑड-ईवन पर अंतिम फैसला करेंगे।

Tags:    

Similar News