चुनाव आयोग से बोली साध्वी - जनता के सामने सच रखना मेरा अधिकार, नहीं किया शहीद का अपमान

चुनाव आयोग से बोली साध्वी - जनता के सामने सच रखना मेरा अधिकार, नहीं किया शहीद का अपमान

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-21 19:01 GMT
चुनाव आयोग से बोली साध्वी - जनता के सामने सच रखना मेरा अधिकार, नहीं किया शहीद का अपमान
हाईलाइट
  • साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने किसी शहीद के लिए कोई अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया है।
  • साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि जनता के सामने सच रखना मेरा अधिकार है।
  • साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है। साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव आयोग को लिखे जवाब में कहा है कि उन्होंने किसी शहीद के लिए कोई अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया है। साध्वी ने कहा, मैंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के आदेशों पर मुझ पर हुए अत्याचार का जिक्र किया था। जनता के सामने सच रखना मेरा अधिकार है। मेरे साथ क्या हुआ था ये बताना जरूरी था। बता दें कि साध्वी ने मुंबई हमले के शहीद हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाया था। 

 

 

साध्वी ने चुनाव आयोग को भेजे जबाव में लिखा, मैंने अपने संबोधन में किसी शहीद की शहादत के बारे में कोई अपमानजनक बात नहीं कही है। मेरे वक्तव्य की एक पंक्ति के आधार पर अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। पूरे वक्तव्य को एक साथ अर्थान्वयन करना चाहिए। मैंने अपने उद्बोधन में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्देशों पर मुझे जो यातनाएं दी गई, उसका सिर्फ उल्लेख किया है और यह मेरा अधिकार है कि मेरे साथ जो घटना घटित हुई उसे जनता के समक्ष रखूं। मेरे बयान को मीडिया द्वारा नकारात्मक परिपेक्ष्य में प्रस्तुत किया गया है, उसे मैंने स्वयं जनभावना का सम्मान करते हुए बयान को वापस लिया है। 

साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैंने कुछ भी ऐसा नहीं किया है जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की है कि उनके खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई को खत्म किया जाए। इससे पहले शनिवार को भोपाल जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर ने नोटिस जारी कर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को आचार संहिता के तहत एक दिन के भीतर हेमंत करकरे पर उनकी टिप्पणी के लिए स्पष्टीकरण देने को कहा था। 

बता दें कि एक सभा के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, हेमंत करकरे ने मेरे साथ गलत व्यवहार किया था और मुझे मालेगांव ब्लास्ट मामले में गलत तरीके से फंसाया था। साध्वी ने कहा, "मैंने उसे कहा था, तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई सूतक लगा चुका था। जब उसे आतंकियों ने मारा तब सूतक खत्म हुआ।

साध्वी ने कहा था, "जो जांच आयोग बिठाया गया था उस आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया। आयोग्य के सदस्य ने करकरे से कहा जब तुम्हारे पास इनके खिलाफ सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वो व्यक्ति (करकरे) कहता है मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर आउंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा।" हालांकि मामले को तूल पकड़ता देख साध्वी ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया था। 
 

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