एसएफजे ने जम्मू-कश्मीर के कोविड संक्रमितों को लुभाने के लिए हॉटलाइन सक्रिय किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

एसएफजे ने जम्मू-कश्मीर के कोविड संक्रमितों को लुभाने के लिए हॉटलाइन सक्रिय किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2020-07-25 15:01 GMT
एसएफजे ने जम्मू-कश्मीर के कोविड संक्रमितों को लुभाने के लिए हॉटलाइन सक्रिय किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
  • एसएफजे ने जम्मू-कश्मीर के कोविड संक्रमितों को लुभाने के लिए हॉटलाइन सक्रिय किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। प्रतिबंधित सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) समूह ने जम्मू-कश्मीर में अपने ऑनलाइन रेफरेंडम 2020 (जनमत संग्रह) अभियान के लिए मतदाता पंजीकरण शुरू करने के एक दिन पहले घाटी के कोविड-19 संक्रमितों को लुभाने के लिए अमेरिका से डायरेक्ट हॉटलाइन सक्रिय कर दिया है।

एसएफजे का रेफरेंडम भारत से पंजाब को अलग करने के बारे में है।

खुफिया एजेंसियों ने सूचना के लीक होने के तुरंत बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में अलर्ट जारी कर दिया है कि अलगाववादी समूह ने घाटी के हर कोरोनोवायरस संक्रमित शख्स को 2,000 रुपये देने की घोषणा की है, भले ही वे किसी भी धर्म के हों।

जानकारी के अनुसार, एसएफजे ने 25 जुलाई से 28 जुलाई के बीच चार दिनों के लिए वित्तीय सहायता की पेशकश की है, जो अवैध रेफरेंडम 2020 एजेंडे के लिए जम्मू -कश्मीर के निवासियों से समर्थन, सहानुभूति हासिल करने का प्रयास है।

सुरक्षा विंग के विशेषज्ञों का मानना है कि समूह जम्मू-कश्मीर में अपनी पैठ बनाना चाहता है और इसने हाल ही में 26 जुलाई से शुरू होने वाले अपने ऑनलाइन रेफरेंडम 2020 अभियान का समर्थन करने के लिए घाटी में रहने वाले सिखों का अह्वान किया है।

पंजाब और दिल्ली में रेफरेंडम 2020 वोटर पंजीकरण के लिए समर्थन प्राप्त करने की असफल कोशिशों के बाद, एसएफजे का निशाना अब जम्मू-कश्मीर है, जहां उसने 26 जुलाई को अवैध अभियान के लिए मतदाता पंजीकरण शुरू करने की योजना बनाई है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल जुलाई में एसएफजे पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भारत भर के सिख समुदाय ने रेफरेंडम 2020 के इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रायोजित प्रचार को खारिज कर दिया है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एसएफजे द्वारा शुरू किए गए दुर्भावनापूर्ण अभियान का समर्थन कर रही है क्योंकि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल ने तथाकथित रेफरेंडम के पक्ष में ट्वीट करना शुरू कर दिया है।

कश्मीर में सिखों को स्वतंत्रता सेनानी और सिख सैनिकों के रूप में बताते हुए अमेरिका स्थित खालिस्तानी कट्टरपंथी संगठन ने अपने सबसे खतरनाक एजेंडे रेफरेंडम 2020 का समर्थन करने का आग्रह किया है।

खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि अलगाववादी समूह ने घाटी में कश्मीरियों को जम्मू-कश्मीर में 26 जुलाई को मतदाता पंजीकरण का समर्थन करने के लिए आह्वान किया है।

यह कोशिश जम्मू-कश्मीर में रहने वाली अनुमानित तीन लाख सिख आबादी का समर्थन प्राप्त करने की है।

एसएफजे के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नून ने दावा किया था कि इस समूह ने जम्मू -कश्मीर में पंजाब की स्वतंत्रता जनमत संग्रह के लिए श्रीनगर में गुरुद्वारा चाती पातशाही और जम्मू में गुरुद्वारा सिंबल कैंप में अरदास समारोह के साथ 26 जुलाई को मतदाता पंजीकरण शुरू करने की योजना बनाई है।

पन्नून उन नौ खालिस्तान समर्थकों में से हैं जिन्हें इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार ने आतंकवादी के रूप में घोषित किया था। अमेरिका में रहने वाला आतंकवादी पन्नू रेफरेंडम 2020 अभियान में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।

समूह का दावा है कि स्वतंत्र खालिस्तान कश्मीर की आजादी का मार्ग प्रशस्त करेगा।

एसएफजे ने 4 और 19 जुलाई को क्रमश: पंजाब और दिल्ली में रूसी और कनाडाई पोर्टलों के माध्यम से इसी तरह का मतदाता पंजीकरण शुरू किया था, ताकि पंजाब में सिखों के लिए एक अलग मातृभूमि खालिस्तान की मांग करने के लिए भारत-विरोधी एजेंडे का प्रचार किया जा सके।

एसएफजे को पाकिस्तान स्थित संचालकों द्वारा हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पंजाब में कट्टरपंथी सिख तत्वों को धन आदि सहायता प्रदान की जाती है।

Tags:    

Similar News