एसएफजे ने कनाडाई पोर्टल के जरिए जम्मू-कश्मीर में रेफ्रेंडम-2020 लांच किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

एसएफजे ने कनाडाई पोर्टल के जरिए जम्मू-कश्मीर में रेफ्रेंडम-2020 लांच किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2020-07-26 12:00 GMT
एसएफजे ने कनाडाई पोर्टल के जरिए जम्मू-कश्मीर में रेफ्रेंडम-2020 लांच किया (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस(एसएफजे) ने कनाडाई साइबरस्पेस से जम्मू एवं कश्मीर में खालिस्तान रेफ्रेंडम के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है। इससे एक दिन पहले कनाडा ने रेफ्रेंडम-2020 को खारिज करने का फैसला किया था, जिसका भारत ने स्वागत किया था।

पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट कनाडारेफ्रेंडम 2020 डॉट सीए के लैंडिंग पेज पर स्पष्ट रूप से कनाडा का लाल और सफेद राष्ट्रीय झंडा, खालिस्तान के झंडे के साथ दिख रहा है।

समूह ने इसी तरह के कनाडाई पोर्टल को खालिस्तान की मांग के लिए दिल्ली में लांच करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय कानून प्रवर्तक एजेंसियों की कार्रवाई से संगठन इसमें सफल नहीं हो पाया था। संगठन पंजाब में सिखों के लिए अपनी अलग स्वतंत्र भूमि चाहता है।

इससे पहले चार जुलाई को भी पंजाब में संगठन की इस तरह की गतिविधि को एजेंसियों ने विफल कर दिया था।

लगातार विफलता मिलने के बाद, एसएफजे ने एक सप्ताह पहले लोगों के समर्थन के लिए 26 जुलाई को खालिस्तान रेफ्रेंडम के लिए मतदान पंजीकरण कराने की घोषणा की थी। गृह मंत्रालय ने जुलाई में इस संगठन को रेफ्रेंडम-2020 की अनुशंसा के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई एसएफजे द्वारा लांच किए गए अभियान को समर्थन दे रही है, क्योंकि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी ट्विटर हैंडल ने इस कथित रेफ्रेंडम के पक्ष में ट्वीट करने शुरू कर दिए।

कश्मीर में सिखों को स्वंतत्रता सेनानी और सिख योद्धा बताते हुए अमेरिका स्थित खालिस्तानी कट्टरपंथी संगठन ने उनसे रेफ्रेंडम-2020 को समर्थन देने की अपील की है, जोकि संगठन द्वारा भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के लिए प्रमोट किया जा रहा है।

खुफिया एजेंसियों ने इस बारे में आगाह किया था कि यह संगठन घाटी में 26 जुलाई को मतदान पंजीकरण के लिए रेफ्रेंडम-2020 लांच कर सकता है। जिसका उद्देश्य जम्मू एवं कश्मीर में रह रहे 3 लाख सिखों से समर्थन प्राप्त करना है।

एसएफजे के जनरल कौंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने तब दावा किया था कि सगठन जम्मू एवं कश्मीर में पंजाब की स्वतंत्रता के लिए रेफ्रेंडम के मद्देनजर मतदान पंजीकरण लांच करेगा। उसने तब इसे 26 जुलाई को श्रीनगर में गुरुद्वारा छटी पातशाही और गुरुद्वारा सिंबल कैंप में अरदास समारोह के साथ लांच करने की बात कही थी।

पन्नू उन नौ खालिस्तानियों में शामिल है जिसे भारत सरकार ने इस माह की शुरुआत में आतंकवादी घोषित किया था। वह इस अभियान में बड़ी भूमिका निभा रहा है।

पन्नू ने कश्मीरी सिखों से रेफ्रेंडम-2020 को समर्थन देने का आग्रह किया है। संगठन का दावा है कि स्वतंत्र खालिस्तान कश्मीर की स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त करेगा।

एसएफजे को पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से पैसे और लॉजिस्टिक समर्थन मिलता है। संगठन का प्रमुख अवतार सिंह पन्नू और गुरपतवंत सिंह पन्नू ने रेफ्रेंडम 2020 के लिए ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की थी।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कनाडा द्वारा रेफेंडम-2020 को खारिज करने के फैसले का स्वागत किया था। सिंह ने कनाडा के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान से संबंधित मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी थी। प्रवक्ता ने कहा था, कनाडा भारत की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है और कनाडा इस रेफ्रेंडम को मान्यता नहीं देगा।

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया पर जवाब देते हुए एसएफजे कौंसल गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि टड्रो सरकार के भारत की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के समर्थन में बयान कनाडाई सिखों के अधिकारों को फैलाने और कनाडा में रेफ्रेंडम 2020 को आयोजित करवाने से नहीं रोक सकते।

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