नगदी के संकट से जूझ रही फडणवीस सरकार को मिली साईं बाबा की संजीवनी

नगदी के संकट से जूझ रही फडणवीस सरकार को मिली साईं बाबा की संजीवनी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-02 09:10 GMT
नगदी के संकट से जूझ रही फडणवीस सरकार को मिली साईं बाबा की संजीवनी
हाईलाइट
  • नगदी के संकट से जूझ रही थी महाराष्ट्र सरकार
  • महाराष्ट्र सरकार को साईं के ट्रस्ट ने 500 करोड़ कर्ज मुक्त लोन
  • लोन मिलने से पूरी हो सकेगी सिंचाई योजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नगदी के संकट से जूझ रही महाराष्ट्र सरकार को संजीवनी रुपी साईं बाबा का आशीर्वाद मिला है। संकट में पड़ी महाराष्ट्र सरकार के लिए शिरडी ट्रस्ट ने मदद के हाथ आगे बढ़ाए हैं। शिरडी ट्रस्ट ने महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को 500 करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज दिया है। कर्ज की इस राशि का इस्तेमाल सिंचाई परियोजनाओं को पूरी करने में होगा। इस परियोजना के जरिए अहमदनगर जिले की ज्यादातर तहसीलों की पीने के पानी की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।

बता दें कि महाराष्ट्र सरकार को कई साल से अटकी निलवांडे सिंचाई परियोजना के लिए कर्ज की दरकार थी। सरकार के पास पर्याप्त राशि न होने के कारण परियोजना पूरी नहीं हो पा रही थी। कर्ज मिलने के बाद परियोजना पूरी होने की उम्मीद जगी है। इससे अहमदनगर जिले के अधिकांश तहसीलों में पेयजल की समस्या समाप्त हो जाएगी। इस जिले में पानी की काफी किल्लत रहती है। सिंचाई से लेकर पीने के पानी की भी दिक्कतें सामने आती हैं। 

बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री ने एक फरवरी को कर्ज के लिए प्रस्ताव दिया था और दो किश्तों में फंड जारी करने का निर्देश शनिवार को दिया गया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट और गोदावरी-मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम ने इसके लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। यह मंदिर इतिहास में विशेष केस होगा। 

गौरतलब है कि इस परियोजना पर काफी लंबे समय से काम लंबित पड़ा था। महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने कर्ज के लिए शिरडी ट्रस्ट से संपर्क किया था। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष बीजेपी नेता सुरेश हवारे हैं। हवारे ने ही कर्ज जारी करने का फैसला किया है। अब तक के इतिहास में किसी सरकारी संस्थान को बिना ब्याज इतना बड़ा कर्ज नहीं दिया गया। सबसे बड़ी बात यह है कि कर्ज चुकाने के लिए महाराष्ट्र सरकार के समक्ष कोई समयावधि तय नहीं की गई है। बता दें कि परियोजना की कुल लागत 1,200 करोड़ रुपये की है, जिसके लिए मंदिर ट्रस्ट ने 500 करोड़ रुपये जारी किए हैं। जल संसाधन विभाग इस साल के बजट में 300 करोड़ का प्रावधान दे चुका है और अगले साल के बजट में 400 करोड़ रूपये देगा। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि नहर का काम दो साल में पूरा हो जाएगा। 

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