सिद्धू के बेटे को मिला अहम पद, बनाए गए असिस्टेंट एडवोकेट जनरल

सिद्धू के बेटे को मिला अहम पद, बनाए गए असिस्टेंट एडवोकेट जनरल

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-26 03:08 GMT
सिद्धू के बेटे को मिला अहम पद, बनाए गए असिस्टेंट एडवोकेट जनरल

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने और राहुल गांधी से निकटता की वजह से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की कटुता खत्म हो गई है। इस बीच पंजाब सरकार ने नवजोत सिंह सिद्धू को नायाब तोहफा दिया है। उनके बेटे करन सिंह सिद्धू को पंजाब सरकार में असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया है। इससे पहले सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर को पंजाब वेयर हाउसिंग कारपोरेशन का चेयरपर्सन बनाया गया था, हालांकि नवजोत कौर सिद्धू ने अब तक ऑफिस ज्वाइन नहीं किया है। 

काफी दिनों से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं करन 


पंजाब सरकार ने गुरुवार को 3 एडिशनल एडवोकेट जनरल, 14 असिस्टेंट एडवोकेट जनरल और 11 डिप्टी एडवोकेट नियुक्त किए थे। इनमें नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे करन सिद्धू को असिस्टेंट एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब सरकार के वकीलों की यह नई टीम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखेगी। करन पिछले काफी समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं। 29 वर्षीय करण सिंह सिद्धू इससे पहले अपने पिता और मां नवजोत कौर सिद्धू के लिए पंजाब विधानसभा चुनावों में प्रचार करते नजर आए थे। 

राजनीति में बढ़ा सिद्धू का कद, कैप्टन ने भुलाई कटुता 


रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट बरी होने और हाल के दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से बढ़ी नजदीकियों की वजह से नवजोत सिंह सिद्धू का राज्य की राजनीति में कद बढ़ा है। यही वजह है कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह ने सिद्धू के प्रति अपना स्टैंड बदल लिया है। रोडरेज मामले में पंजाब सरकार ने पहले सिद्धू का विरोध करते हुए उन्हें रिहा किए जाने का विरोध किया था। इससे भी पहले जब यह मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में था, तब भी पंजाब सरकार ने नवजोत सिंह सिद्धू का विरोध किया था। रोडरेज का यह मामला 27 दिसंबर 1988 का है, जब सिद्धू अपने दोस्त के साथ कार से कहीं जा रहे थे, तभी 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के साथ उनका झगड़ा हो गया। जिसमें गुरनाम सिंह घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी। 

अपने घर की बेरोजगारी दूर करने में लगे हैं सिद्धू 


इस मामले पर पंजाब सरकार के तमाम मंत्रियों ने चुप्पी साध रखी है। सिद्धू के बेटे करन की नियुक्त को लेकर जब पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा से सवाल किया गया तो वह भड़क गए। उन्होंने सवाल किया कि तो क्या विपक्ष में वकील की तलाश करें। किसे नियुक्त किया जाए और किसे नहीं, यह निर्णय लेना हमारा अधिकार है। इस दौरान, एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने पत्रकारों को सही तरीके से सवाल पूछने की नसीहत भी दे डाली। दूसरी ओर, करन की नियुक्त पर पूर्व मंत्री अनिल जोशी ने कहा पंजाब में बेरोजगारी बढ़ रही है लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू अपने घर की बेरोजगारी दूर करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर को वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन की चेयरमैन नियुक्त कराया। अब बेटे को नियुक्ति दिलाने भी सफल रहे हैं। 
 

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