ISRO का मिशन गगनयान: साल 2021 से पहले 17 मिनट में अंतरिक्ष पहुंचेंगे सात भारतीय

ISRO का मिशन गगनयान: साल 2021 से पहले 17 मिनट में अंतरिक्ष पहुंचेंगे सात भारतीय

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-11 07:15 GMT
ISRO का मिशन गगनयान: साल 2021 से पहले 17 मिनट में अंतरिक्ष पहुंचेंगे सात भारतीय
हाईलाइट
  • 2021 से पहले ISRO के सैलेलाइट से अंतरिक्ष यात्रा भेजा जाएगा कोई भारतीय
  • ISRO के चेयरमैन के सिवन ने आज (शुक्रवार) को इस बात का ऐलान किया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ISRO का गगनयान साल 2021 से पहले 7 भारतीय को लेकर अतंरिक्ष के लिए उड़ान भरेगा। ISRO के चेयरमैन के. सिवन ने आज (शुक्रवार) को प्रेस कांफ्रेंस में इस बात का ऐलान किया है। इस मिशन के तहत गगनयान कम से कम 7 दिन के लिए अंतरिक्ष की यात्रा पर रहेगा। गगनयान से महज 17 मिनट में धरती से अंतरिक्ष की दूर तय कर लेगा। इसकी फाइनल लॉन्चिंग से पहले दो मानव रहित मिशन भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। मोदी सरकार ने पिछले साल ही 10 हजार करोड़ की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी थी। 

बता दें कि अंतरिक्ष पर मानव मिशन भेजने वाला भारत दुनिया का चौथा देश होगा। इस मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री को विदेश में ट्रेनिंग दी जाएगी। गगनयान के बारे में बात करते हुए सिवन ने कहा कि ISRO महिला अंतरिक्ष यात्री को भी इसमें शामिल करना चाहता है, लेकिन ये सेलेक्शन की प्रक्रिया पर निर्भर करता है। 

 

इसरो के चीफ के सिवन ने मीडिया को बताया कि इसरो की सबसे बड़ी प्राथमिकता गगनयान है, पहली डेडलाइन अनमैंड मिशन के लिए दिसंबर 2020 तय की गई है, दूसरी डेडलाइन अनमैंड मिशन के लिए जुलाई 2021 तय की गई है। पहले मानवीय मिशन के लिए दिसंबर 2021 का समय तय किया गया है। इसरो प्रमुख के सिवन ने 2018 की उपलब्धियां भी गिनाईं। पिछले साल ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी 40) के जरिए 28 विदेशी उपग्रहों के साथ 31 उपग्रहों का प्रक्षेपण और उन्हें सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया। इसरोसिवन ने इसरो की 2018 की उपलब्धियां साझा करते हुए कहा, कई रॉकेट और उपग्रहों के प्रक्षेपण के साथ यह साल काफी व्यस्तताओं वाला रहा। सबसे बड़ी उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गगनयान की घोषणा रही। यह एक प्रमुख घोषणा है। उन्होंने बताया, जीसैट-20, जीसैट-29 सैटलाइट इस साल होंगे लॉन्च, सितंबर,अक्टूबर तक आने वाले इस सैटलाइट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी को बल मिलेगा। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने में मिलेगी मदद।

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