अंधविश्वास: सूर्यग्रहण के दौरान बच्चों को गले तक रेत में गाड़ा, कलबुर्गी जिले की घटना

अंधविश्वास: सूर्यग्रहण के दौरान बच्चों को गले तक रेत में गाड़ा, कलबुर्गी जिले की घटना

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-26 14:30 GMT

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में कलबुर्गी जिले में बुधवार को सूर्यग्रहण के दौरान करीब 10 बच्चों को उनके माता-पिता ने रेत में गले तक जिंदा गड़ा दिया। माता-पिता का मानना था कि ऐसा करने से उनके बच्चों की विभिन्न शारीरिक विकृति दूर हो जाएगी। इस मामले की जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों को बचाया।

यह घटना सुबह 8 से 11 बजे के बीच की है। जिन बच्‍चों को जमीन में गाड़ा गया, उनकी उम्र 3 साल से 11 साल के बीच बताई जा रही है। इन बच्चों को जमीन में ऐसे गाड़ा गया था कि सिर्फ उनका चेहरा देखा जा सकता था। जनवादी महिला संगठन की एक महिला कार्यकर्ता अश्विनी ने ताजसुल्तानपुर गांव के निवासी से घटना के बारे में पता चलने पर संबंधित अधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद, पूर्व-विधायक बी आर पाटिल सहित तमाम अधिकारी और लोग मौके पर पहुंचे और माता-पिता से बच्चों को बाहर निकालने के लिए कहा।

कलबुर्गी के डिप्टी कमिश्नर बी. शरथ ने कहा, "हमने बच्चों को बचा लिया है और पुलिस से मामले की जांच करने को कहा है। माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बच्चों को पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" उन्होंने कहा, "हम इस तरह के अंधविश्वासों में शामिल नहीं होने के लिए एक जागरूकता अभियान भी चलाएंगे।"

कलबुर्गी जिले के अफजलपुर तालुक के अर्जुनगी गांव में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आईं है। एक अन्य घटना में, विजयापुर में एक परिवार ने अपने 24 वर्षीय बेटे को दफन कर दिया, जो शारीरिक विकृति से पीड़ित था।

 

 

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