आर्थिक आधार पर आरक्षण में रोक से SC का इनकार, संविधान संशोधन की होगी जांच

आर्थिक आधार पर आरक्षण में रोक से SC का इनकार, संविधान संशोधन की होगी जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-25 07:05 GMT
हाईलाइट
  • चार सप्ताह में केंद्र सरकार से मांगा जवाब
  • मामले की जांच की जा रही है: चीफ जस्टिस
  • सुप्रीम कोर्ट में कई लोगों ने दायर की है याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर आरक्षण के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण पर रोक नहीं लगाई जाएगी, हालांकि कोर्ट ने संविधान में किए गए 124वें संशोधन की जांच करने की बात कही है। 

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। बता दें कि याचिकाकर्ता ने आर्थिक आधार पर आरक्षण के फैसले पर कोर्ट से स्टे लगाने की मांग की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

दरअसल, सरकार द्वारा किए गए 124वें संविधान संशोधन के खिलाफ यूथ फॉर इक्वॉलिटी सहित कई संगठनों ने याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आर्थिक आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। याचिका में कहा गया है कि ये संविधान के खिलाफ है। याचिका के मुताबिक इससे सुप्रीम कोर्ट के 50 प्रतिशत सीमा तक आरक्षण देने के फैसले का भी उल्लंघन होता है। बता दें कि शीतलकालीन सत्र में मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण बिल को लोकसभा और राज्यसभा से पास करवा चुकी है। 

 

 

विधेयक का लाभ सामान्य वर्ग के उन लोगों को मिलेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने इस 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किया, जिस पर करीब 5 घंटे तक निचले सदन में चर्चा हुई। सत्तापक्ष सहित लगभग सभी विपक्षी दलों ने इस विधेयक का समर्थन किया, हालांकि, विपक्षी दलों ने विधेयक को मोदी सरकार की चुनावी रणनीति करार दिया। आखिर में बहुमत के साथ ये बिल दोनों सदनों से पास हो गया।

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