सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज की

IANS News
Update: 2020-01-31 14:00 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज की
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  • सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया मामले के दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज की

नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक द्वारा दायर की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।

शीर्ष अदालत की तीन न्यायधीशों न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर. बनुमथी और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक चेंबर में सुनवाई के बाद दोषी पवन गुप्ता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।

अदालत ने पाया कि निर्भया कांड के दोषी पवन गुप्ता के किशोर होने के मुद्दे पर अदालतें पहले ही फैसला कर चुकी हैं। अदालत ने कहा, हम कितनी ही बार वही बातें सुनेंगे? आप इसे पहले ही कई बार उठा चुके हैं।

निर्भया मामले के दोषी पवन ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर अपराध के समय उसके नाबालिग होने की दलील दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया।

जुवेनाइल बोर्ड ने जनवरी 2013 में घोषणा की थी कि जब पवन ने यह अपराध किया था, उस समय वह किशोर नहीं था।

सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पवन कुमार का जन्म प्रमाणपत्र रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है और उसके परिजनों ने उम्र की पुष्टि की है, जिसमें कोई विवाद नहीं है।

गौरतलब है कि 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में चलती बस में छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, मुकेश सिंह, अक्षय ठाकुर, विनय और पवन) ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था और भयावह यातनाएं दी थीं। इसके बाद इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी।

नाबालिग जुवेनाइल कोर्ट से सजा पूरी कर रिहा हो चुका है, जबकि एक दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।

सितंबर 2013 में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी। मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फैसले की पुष्टि की गई और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा, जिसने जुलाई 2018 में इनकी समीक्षा याचिका को भी खारिज कर दिया।

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