सुप्रीम कोर्ट की फटकार- 'गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों को संरक्षण न दें'

सुप्रीम कोर्ट की फटकार- 'गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों को संरक्षण न दें'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-21 13:25 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाय के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्याओं के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों को संरक्षण न दें। कोर्ट ने इस तरह की हिंसा पर केन्द्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। कोर्ट ने साथ ही गोरक्षा के नाम पर सोशल मीडिया पर अपलोड की गई हिंसक सामग्री को हटाने के लिए भी कहा है।

अपने जवाब में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस एम शांतानागौदर की तीन सदस्यीय बेंच को सूचित किया कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन वह देश में गोरक्षा के नाम पर किसी भी प्रकार की गतिविधियों का समर्थन नहीं करता। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा, 'कानून-व्यवस्था राज्य के अधीन है और केंद्र सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है, लेकिन केंद्र का मानना है कि कानून की प्रक्रिया के अनुसार देश में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देना का किसी समूह को कोई अधिकार नहीं है।'

भाजपा शासित गुजरात और झारखंड की ओर से पेश वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि गोरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने उनका बयान दर्ज किया और केंद्र और अन्य राज्यों को हिंसक घटनाओं के संबंध में अपनी रिपोर्ट चार सप्ताह में दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की आगे की सुनवाई के लिए छह सितंबर की तारीख तय की गई है।

 

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