सीएम योगी आदित्यनाथ की बढ़ी मुश्किलें, भड़काऊ भाषण पर SC ने मांगा जवाब

सीएम योगी आदित्यनाथ की बढ़ी मुश्किलें, भड़काऊ भाषण पर SC ने मांगा जवाब

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-20 08:41 GMT
सीएम योगी आदित्यनाथ की बढ़ी मुश्किलें, भड़काऊ भाषण पर SC ने मांगा जवाब
हाईलाइट
  • 2007 में दिया था भड़काऊ भाषण।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यूपी सरकार के फैसले पर लगाई थी मुहर।
  • सीएम योगी कि बड़ी मुश्किलें।

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। साल 2007 में गोरखपुर में कथित भड़काऊ भाषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीएम योगी को चार सप्ताह के अंदर जवाब देने का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये नोटिस इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुकदमे के रद्द होने के खिलाफ जारी किया है। दरअसल, उत्तप्रदेश सरकार के इजाजत न देने की वजह से इस पूरे मामले की जांच नहीं हो पाई थी। इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी यूपी सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी थी। इससे योगीआदित्यनाथ को भले ही राहत मिली है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।

 

 



यूपी के सीएम योगी ने गोरखपुर के सांसद रहते हुए कई बार सांप्रादयिक हिंसा को भड़काने वाले बयान दिए। विपक्षी नेता हमेशा योगी को उनके बयानों को लेकर टारगेट करते रहे हैं। हालांकि इन्हीं बयानों के चलते योगी की छवि एक कट्टर हिंदू के रूप में बनने लगी थी। राजनीति में योगी का इसका फायदा भी मिला। गौरतलब है कि 2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज़ ने दंगों में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीबीआई जांच को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।


याचिका में योगी द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषण को दंगे की वजह बताया गया था। जिसके बाद तत्कालीन गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार कर 11 दिनों की पुलिस कस्टडी में भी रखा गया था। याचिका में योगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 153A, 395 और 295 के तहत जांच की मांग की गई थी। हालांकि उस दौरान यूपी की अखिलेश सरकार से अनुमति न मिलने से सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन सांसद के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की गई थी। जिसके बाद केस की जांच सीबी-सीआईडी ने की और 2013 में भड़काऊ भाषण की रिकॉर्डिंग में योगी की आवाज सही पाई गई थी। 

 

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