Corona Crisis: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर SC ने लगाई रोक, कहा- इजाजत दी तो भगवान माफ नहीं करेंगे

Corona Crisis: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर SC ने लगाई रोक, कहा- इजाजत दी तो भगवान माफ नहीं करेंगे

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-18 09:17 GMT
Corona Crisis: पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा पर SC ने लगाई रोक, कहा- इजाजत दी तो भगवान माफ नहीं करेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक कार्यों में भी कोरोना संकट का असर पड़ रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ मंदिर में होने वाली वार्षिक रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा, महामारी के समय में भीड़ इकट्ठा नहीं कर सकते। सार्वजनिक स्वास्थ्य और नागरिकों की सुरक्षा के हित में इस साल रथ यात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अगर इजाजत दी गई तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।

दरअसल गुरुवार को जगन्‍नाथ की रथ यात्रा के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान SC ने कहा, अगर इसके लिए अनुमति देते हैं तो भगवान हमें कभी माफ नहीं करेंगे। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा, यह गंभीर मसला है और कोर्ट इसके लिए इजाजत नहीं दे सकता।

रथयात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा था, रथयात्रा में लाखों लोग इकट्ठा होते हैं। इस पर CJI ने कहा, अगर हजारों लोग भी हैं तो कोरोना काल में यह बेहद गंभीर बात है। बता दें कि, ओडिशा के पुरी में 23 जून से रथयात्रा श्रद्धालुओं के बिना शुरू होनी थी। 

नौ दिनों तक चलती रथ यात्रा
गौरतलब है कि, 9 दिन तक चलने वाली इस रथ यात्रा में हर साल 10 लाख से ज्‍यादा लोग शामिल होते हैं, हजारों की संख्‍या में पुलिस और सुरक्षा बल की तैनाती रहती है। इस साल कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए यात्रा पर रोक लगाई गई।

ओडिशा में 30 जून तक धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक
भुवनेश्‍वर के NGO ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें कहा गया था, रथ यात्रा से कोरोना फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि, अगर दीपावली में पटाखे जलाने पर रोक लगाई जा सकती है तो रथ यात्रा पर क्‍यों नहीं। हालांकि ओडिशा सरकार ने 30 जून तक सभी तरह के धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रखी है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन ने बिना श्रद्धालुओं के रथ यात्रा निकालने का फैसला किया था।

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