सुषमा से ओमान में फंसी 45 भारतीयों को घर लाने की अपील

सुषमा से ओमान में फंसी 45 भारतीयों को घर लाने की अपील

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-26 08:32 GMT
सुषमा से ओमान में फंसी 45 भारतीयों को घर लाने की अपील

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। ओमान में घरेलू कामगार के तौर पर फंसी 45 भारतीय महिलाओं को स्वदेश वापस लाने में मदद करने की अपील की गई। यह अपील दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने शुक्रवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की है। स्वाति ने यह अनुरोध तब किया है, जब महिलाओं ने नवसृष्टि नामक एनजीओ को एक शिकायत भेजी। एनजीओ ने यह शिकायत आयोग के पास भेज दी है। डीसीडब्ल्यू के बयान में कहा गया है कि पांडिचेरी, हरियाणा व पंजाब जैसे राज्यों से कई महिलाएं इस समय ओमान में फंसी हुई हैं।

महिलाओं से नर्सिंग कार्य दिलाने का झूठा वादा

बयान में कहा गया है कि इन महिलाओं से एजेंट ने दुबई में नर्सिग कार्य दिलाने का वादा किया था। इन्हें दुबई में रखा गया, लेकिन बाद में ओमान ले जाया गया और एक एजेंट को सौंप दिया गया। एजेंट ने इन महिलाओं को घरेलू कामगार के तौर पर देश भर के घरों में भेज दिया।

दुर्व्यवहार करते हैं और भोजन भी नहीं देते

बयान के अनुसार, इनके नियोक्ता इनसे दुर्व्यवहार करते हैं और भोजन भी नहीं देते हैं। इन्हें पीटते भी हैं। इन महिलाओं का पासपोर्ट नियोक्ताओं ने रख लिया है। इनका दावा है कि इन्होंने ओमान में कई बार भारतीय दूतावास से संपर्क किया, लेकिन इन्हें कोई सहायता नहीं मिल सकी। मालिवाल ने सुषमा स्वराज को लिखे पत्र में कहा है, "इन पीड़ितों ने अपील की है कि उन्हें किसी भी परिस्थिति में अपने देश लाया जाए, ताकि वे अपने परिवार और बच्चों से मिल सकें।

मोसुल में फंसे भारतीयों के बारे में कोई पुख्‍ता प्रमाण नहीं

इससे पहले बुधवार को सुषमा स्‍वराज ने इराक में फंसे भारतीयों पर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष के सवालों पर जवाब दिया था। उन्होंने लोकसभा में कहा था कि उन्‍होंने इस मामले में सदन को गुमराह नहीं किया है। उन्‍होंने कहा कि मोसुल में फंसे भारतीयों के बारे में कोई पुख्‍ता प्रमाण नहीं थे। "मेरे पास ना तो उनके जिंदा होने के सबूत थे, न ही मारे जाने के"। जब तक उनके बारे में पुख्‍ता सबूत नहीं मिल जाते तब तक उनको मृत घोषित करना पाप है और मैं ये पाप अपने सर नहीं ले सकती हूं।

सरकार उनकी खोज-खबर के लिए लगातार प्रयासरत है और उनके संबंध में हर पुख्ता प्रमाण जुटाने की कोशिश में है। इसलिए इस मामले में सरकार मौत संबंधी पुष्टि कैसे कर सकती है? इस संबंध में 39 भारतीयों की मौत का दावा करने वाले हरजीत की कहानी में विरोधाभास है। उनकी बात पर भरोसा करके सरकार हाथ पर हाथ रखकर तो नहीं बैठ सकती थी।

2014 से इराक के मोसुल से 39 भारतीय लापता

सुषमा स्‍वराज ने कहा कि हमने इराक समेत सभी देशों से इस मामले में उपलब्‍ध सूचना देने का आग्रह किया है। उल्‍लेखनीय है कि 2014 से इराक के मोसुल से 39 भारतीय लापता हैं। इस संबंध में उन्‍होंने कहा कि सरकार के पास उनके बारे में आखिरी जानकारी 2016 तक थी। ऐसे में बिना जानकारी के किसी को मृत घोषित करना पाप है।

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