सुषमा का प्लेन 14 मिनट तक रहा गायब, मॉरीशस अथॉरिटी ने दबाया अलार्म बटन

सुषमा का प्लेन 14 मिनट तक रहा गायब, मॉरीशस अथॉरिटी ने दबाया अलार्म बटन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-03 11:41 GMT
सुषमा का प्लेन 14 मिनट तक रहा गायब, मॉरीशस अथॉरिटी ने दबाया अलार्म बटन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का प्लेन अचानक से 14 मिनट के लिए गायब हो गया था। इस घटना के बाद संपर्क साधने के कोशिश कर रहे लोग काफी घबरा गए। बता दें कि सुषमा दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गईं हैं। वे वीवीआईपी एयरक्राफ्ट मेघदूत में सवार होकर त्रिवेंद्रम से मॉरीशस की यात्रा कर रहीं थीं। इसी दौरान एयरक्राफ्ट से करीब 12 से 14 मिनट तक सम्पर्क टूटा गया था। विदेश मंत्रालय ने इस मामले में जानकारी होने की बात से इनकार किया है। बता दें कि सुषमा स्वराज साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंच गई हैं।

एयर ट्रैफिक कंट्रोल का काम देखने वाली एयरपोर्ट्स अथॉरिटी इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने इस मामले की पुष्टि की है। अधिकारी ने मामले में बताया है कि हमारे समुद्रिक एयरस्पेस, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने प्लेन के गुम हो जाने का ऐलान करने के लिए करीब 30 मिनट का इंतजार किया था। इसके बाद जब फ्लाइट के मॉरीशस के एयरस्पेस में प्रवेश करने के 12 मिनट बाद मॉरीशस अथॉरिटी ने अलार्म बटन दबा दिया, क्योंकि फ्लाइट के अंदर से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था।

जानकारी के अनुसार एयरक्राफ्ट ने त्रिवेंद्रम से शाम 4 बजे उड़ान भरी थी। इसके बाद एयरक्राफ्ट से करीब शाम 4.44 बजे संपर्क टूट गया था, इसके बाद अलार्म बजाया गया था। यहां सभी लोग काफी घबरा गए थे, क्योंकि मेघदूत से संपर्क नहीं हो पा रहा था। मॉरीशस ने फिर "INCERFA" अलार्म की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने चेन्नई एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क किया। यह आखिरी उड़ान सूचना क्षेत्र था, जिसे "मेघदूत" एम्ब्रायर ईआरजे 135 के संपर्क में रखा गया था।

इस घटना के करीब 12 मिनट बाद एयरक्राफ्ट के पायलट ने मॉरीशस एटीसी से 4.58 पर सम्पर्क किया, तब जाकर कहीं सबकी जान में जान आई। बता दें कि विमानन अनुशासन में इस अनिश्चितता का मतलब है कि विमान और उसके यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई जानकारी नहीं है।

ATC के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि समुद्री इलाकों में अनियमित वीएचएफ कॉम्युनिकेशन के कारण इस तरह की समस्या अक्सर आती है। समुद्री क्षेत्र में रेडार कवरेज नहीं है। जिन जगहों पर वीएचएफ कवरेज अच्छी नहीं है, उन्हें डार्क जोन कहा जाता है। सब कुछ वीएचएफ कम्युनिकेशन पर निर्भर है। इस अधिकारी ने बताया कि कभी-कभी पायलट किसी देश की रडार में घुसते ही वहां संपर्क करना भूल जाते हैं।


विदेश मंत्री सुषमा स्वराज साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुंच गई हैं। वे यहां अपने 5 दिवसीय दौरे पर BRICS और IBSA की मीटिंग में शामिल होने के लिए पहुंची हैं।

 

 

सुषमा ने साउथ अफ्रीका पहुंचकर यहां इंटरनेशनल रिलेशन्स और कॉपरेशन की डिप्टी मीनिस्टर लोवेलीन लैंडर्स से मुलाकात की।

 

 

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