रविवार घरों में रहकर अपनी, दूसरों की देखभाल करें : उपराष्ट्रपति
रविवार घरों में रहकर अपनी, दूसरों की देखभाल करें : उपराष्ट्रपति
- रविवार घरों में रहकर अपनी
- दूसरों की देखभाल करें : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 21 मार्च (आईएएनएस)। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को देश के लोगों से रविवार को अपने घरों में ही रहने की अपील की है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि कोरोनावायरस के प्रसार को प्रभावी तरीके से रोका जा सके।
उन्होंने कहा, चूंकि वायरस शारीरिक संपर्क से फैलता है, इसलिए सामाजिक रूप से दूरी बनाकर रखें। वायरस के प्रसार को रोकने का यह एक प्रभावी तरीका है।
नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रविवार को सामाजिक दूरी बनाकर रखने की अपील की है। यह तरीका अपनी तथा दूसरों की देखभाल करने के लिए एक प्रभावी माध्यम है। उन्होंने जनता कर्फ्यू को अपनाने की अपील की, जिसके लिए हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने भी लोगों को जागरूक किया था।
नायडू ने राजनीतिक दलों, सिविल सोसायटी संगठनों एवं अन्य सभी संबंधित पक्षों से इस चुनौती का सामूहिक रूप से मुकाबला करने की अपील की। उन्होंने कहा, यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वे इस चुनौती का मुकाबला करने की दिशा में दूसरों को शिक्षित एवं प्रोत्साहित करें।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से रविवार 22 मार्च को स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू की अपील की है। प्रधानमंत्री ने अपनी इस अपील में कहा, साथियों मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है। इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे और न मोहल्ले में कहीं जाएंगे। सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, साथियों 22 मार्च को हमारा यह प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता व इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कर्फ्यू का पालन कराने का नेतृत्व करें।
प्रधानमंत्री इस स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू की अपील 19 मार्च की रात आठ बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की थी।